PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले मॉरीशस के गंगा तालाब में उत्साह का माहौल

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा से पहले वहां उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर पीएम मोदी 11 और 12 मार्च को मॉरीशस की यात्रा पर जा रहे हैं। वहां वो मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होंगे। देश के सबसे प्रतिष्ठित हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक गंगा तालाब के लोग भी प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर उत्साहित हैं।

गंगा तालाब, जिसे ग्रैंड बेसिन के नाम से भी जाना जाता है। मॉरीशस का सबसे पवित्र हिंदू स्थान माना जाता है, जिसमें एक शांत झील है और इसे भारत की पवित्र गंगा नदी का प्रतीक माना जाता है। इस झील के पानी में 1972 में गंगा नदी का पानी डाला गया था ताकि यहां रहने वाले हिंदू समुदाय के लिए झील के आध्यात्मिक महत्व को और मजबूत किया। हरियाली से घिरी यह झील भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान हनुमान को समर्पित जीवंत मंदिरों का घर है, जो भक्तों और आगंतुकों दोनों के बेहद शांति वातावरण प्रदान करता है।

जैसे-जैसे पीएम मोदी की यात्रा नजदीक आ रही है, स्थानीय लोग मॉरीशस और भारत के बीच स्थायी संबंधों के लिए अपना उत्साह और आभार व्यक्त कर रहे हैं, ये एक ऐसा संबंध है जो सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों है। उत्साहित स्थानीय निवासी शीला ने कहा, “हम प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से बहुत खुश हैं, यहाँ रहने वाले भारतीय भी बहुत खुश हैं। मुझे उम्मीद है कि मॉरीशस और भारत के बीच संबंध मजबूत बने रहेंगे।” कमल जगन के लिए दोनों देशों के बीच का रिश्ता बेहद निजी है।

उन्होंने कहा, “हमें ‘छोटा भारत’ कहा जाता है। वहां एक बड़ा भारत है, ‘माँ भारत’, जिसमें गंगा नदी है। वहां बहुत सारे हिंदू हैं, और यहाँ 54 फीसदी हिंदू हैं। भारत हमारे लिए माँ की तरह है; हम वहाँ से चले आए। हमारे मन में भारत के लिए बहुत सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लिए बहुत कुछ किया है। वे हमें सुविधाएँ और सहायता प्रदान करते हैं। लोगों का भारत पर बहुत भरोसा है। भारत और मॉरीशस के बीच हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं।” मंदिर चलाने वाले ट्रस्ट के सचिव सतीश दयाल ने मॉरीशस के लिए पीएम मोदी के योगदान की सराहना की।

दयाल ने कहा, “सभी प्रधानमंत्री इस जगह के लिए गंगा जल लेकर आते हैं। ये बहुत मजबूत संबंध है। मोदी जी ने भारत की मदद के लिए बहुत कुछ किया है। हमारे पूर्वज भारत से हैं और हमारा संबंध इतना मजबूत है कि जब कोई भारत से यहां आता है, तो ऐसा लगता है जैसे वे हमें आशीर्वाद देने आ रहे हैं। कोविड के दौरान उन्होंने हमारी बहुत मदद की। हम सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि भारत हमारे साथ खड़ा है।

हमारे बीच इतने मजबूत संबंध हैं कि अगर कोई सैन्य आपातकाल आता है, तो भारत सबसे पहले हमारी रक्षा करेगा। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री आ रहे हैं, ऐसा लगता है जैसे हमारे अपने प्रधानमंत्री भी आ रहे हैं।” गंगा तालाब के मध्य में भव्य शिव मंदिर है, जिसे स्थानीय रूप से मॉरीशस ईश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर को हिंदू परंपरा में 13वां ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

पंडित झुम्मन गिरि ने 1897 में इसे स्थापित किया था। ये मंदिर पीढ़ियों से भक्तों के लिए आध्यात्मिक केंद्र बिंदु बना हुआ है। साल 2004 में महा शिवरात्रि के दौरान मंदिर से जुड़ा एक और रहस्य उजागर हुआ, जब भक्तों ने चमत्कारी दृश्य देखे जाने की जानकारी दी। उसने बताया मंदिर पर भगवान शिव का चेहरा दिखाई दिया। साल 2024 में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की मॉरीशस यात्रा के दौरान गंगा तालाब परिसर के पुनर्विकास के लिए सहयोग देने का वचन दिया, जिससे दोनों देशों के बीच गहरे संबंध और मजबूत हुए।

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