CM DHAMI: उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 हेतु संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) दौरे के दूसरे दिन उत्तराखण्ड सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने आज अबू धाबी में विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में 3550 करोड़ के एमओयू हुए। यूएई में दो दिन के भीतर कुल 15475 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है। सीएम धामी ने सभी उद्योग घरानों को आठ और नौ दिसंबर को देहरादून में आयोजित होने वाले इन्वेस्टर्स समिट का निमंत्रण भी दिया।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद रहे, कार्यक्रम में सीएम धामी ने कहा कि रियल स्टेट क्षेत्र में यूएई ने बड़ी प्रगति की है, यहां की प्रसिद्ध इमारतें विश्व में एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं, उत्तराखंड भी अपने शहरों का सुनियोजित विकास और नये शहरों की स्थापना को यूएई के साथ सहयोग का इच्छुक है। सरकार निवेशकों को राज्य में सभी प्राथमिक आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को हमेशा तत्पर है। यही वजह है जो लन्दन, बर्मिंघम और दिल्ली रोड शो में 40 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से उत्तराखंड में पांच सालों में करीब 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत हुई है, राज्य में निवेश का बेहतर माहौल है. बता दे कि इन्वेस्टमेंट एमओयू में लूलू ग्रुप के साथ रियल एस्टेट सेक्टर हेतु 1000 करोड़, हायपर मार्केट के साथ हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में निवेश हेतु 500 करोड़ एवं फूड पार्क हेतु 250 करोड़, एसीटी फैसिलिटिज मिडिल ईस्ट के साथ हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में 1500 करोड़ एवं रिजेन्ट ग्लोबल के साथ फार्मा सेक्टर में निवेश हेतु 300 करोड़ के एमओयू शामिल हैं। कुल मिलाकर संयुक्त अरब अमीरात में 15 हजार 475 करोड़ के इन्वेस्टमेंट एमओयू किए गए।
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मुख्यमंत्री धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्व में चाटर्ड एकाउन्टेंट्स के सबसे बड़े संगठन के मेघावी सदस्यों के बीच आना अपने आप में गौवर का क्षण है। उन्होंने कहा कि देश दुनियां में उत्तराखण्ड की पहचान देवभूमि के रूप में है जहां एक ओर केदारनाथ, बदरीनाथ धाम, जागेश्वर आदि मंदिर स्थित हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सांस्कृतिक, प्राकृतिक व आध्यात्मिक सुंदरता को बचाये रखते हुए प्रदेश के विकास का मार्ग चुना है। इसके लिए हमने सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि को अपना मूलमंत्र माना है। उन्होंने कहा कि टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से एक ओर जहां राज्य में पिछले पांच सालों में करीब 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं, वहीं दूसरी ओर 20 हजार करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं पर कार्य गतिमान है। उत्तराखण्ड भी अपनी अवस्थापना परियोजनाओं, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि के क्षेत्र में आपके ज्ञान एवं अनुभव का लाभ लेने हेतु तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रियल स्टेट क्षेत्र में यूएई ने अत्यंत प्रगति की है, यहाँ की प्रसिद्ध इमारतें विश्व में अपना प्रतिमान स्थापित कर चुकी हैं। उत्तराखण्ड भी अपने शहरों का सुनियोजित विकास एवं नये शहरों की स्थापना करने हेतु आपके साथ सहयोग करने का इच्छुक है, जिससे इस क्षेत्र में आपकी विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार निवेशकों को राज्य में सभी प्राथमिक आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु सदैव तत्पर है और विशेष रूप से गत दो वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश आकर्षित करने की दिशा में सुनियोजित प्रयास किये हैं।