बंदरों को स्पेस स्टेशन में भेजेगा चीन, जानिए आखिर क्या है ड्रैगन का प्लान?

नमिता बिष्ट

चीन हमेशा कुछ न कुछ नया और अजीबोगरीब करता रहता है। अब फिर चीन एक नई प्लानिंग कर रहा है। दरअसल इस बार चीन अपने नए तियांगोंग स्पेस स्टेशन में बंदरों को भेजने की योजना पर काम कर रहा है, जिससे अंतरिक्ष में उनके प्रजनन पर अध्ययन किया जा सके।

बंदरों को तियांगोंग स्पेस स्टेशन भेज रहा चीन
चीनी वैज्ञनिकों का यह प्रयोग शून्य गुरुत्व में जीवन विज्ञान के प्रयोगों के तहत तियानगोंग में अंतरिक्ष यात्री करेंगे। इसमें कई तरह के प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें से एक तियांगोंग स्टेशन में बंदरों को भेजा जाएगा और उसमें से से प्रमुख प्रयोग अंतरिक्ष में उनकी प्रजनन का परीक्षण हो गया और जिससे वैज्ञानिक कई सवालों के जवाब हासिल करने का प्रयास करेंगे।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस की तैयारी
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक बीजींग की चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेस इस योजना पर काम कर रही है और वह इस परियोजना के लिए जरूरी उपकरणों को तैयार कर रही है। जो तियानगोंग स्पेस स्टेशन में सूक्ष्म गुरुत्व के वातावरण में होने वाले इस प्रयोग के लिए जरूरी होंगे। शोधकर्ता झांग लू ने बताया कि इन प्रयोगों का प्रमुख उद्देश्य सूक्ष्मगुरुत्व और अन्य अंतरिक्ष वातवारण में जीवों के अनुकूलन क्षमता कैसे प्रतिक्रिया करती है यह समझने में मदद मिलेगी।

बंदरों के लिए भोजन बनेगा चुनौती
बंदरों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए वैज्ञानिकों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। जिसमें सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक उनका भोजन होगा। जहां इंसान के लिए कई तरह के भोजन के विकल्प रहते हैं और वे खुद को मानसिक रूप से इस तरह के भोजन के तैयार कर लेते हैं। बंदरों में ऐसी सुविधा नहीं मिल सकेगी।

अन्य जानवरों पर भी किए जाएंगे प्रयोग
ये प्रयोग तियानगोंग स्पेस स्टेशन के वेन्तियान मॉड्यूल में किए जाने की संभावना है, जिसे इसी साल स्टेशन से जोड़ा गया है। इतना ही नहीं कुछ अध्ययन चूहों और मकाक्स पर भी किए जाएंगे, जिनमें यह देखा जाएगा कि अंतरिक्ष में उनकी बढ़ोतरी और यहां तक कि उनका प्रजनन कैसे होता है। यह प्रयोग एक लंबे अध्ययन का हिस्सा होंगे।

सोवियत संघ ले गए थे चूहों को अंतरिक्ष में
हालांकि पिछले अध्ययनों ने अंतरिक्ष में जेब्राफिश और कीड़े जैसे छोटे जीवों के प्रजनन का आकलन किया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि चूहों और प्राइमेट जैसे अधिक जटिल जीवन रूपों पर इस तरह के शोध करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सोवियत संघ के शोधकर्ताओं ने 18 दिनों की यात्रा के दौरान चूहों को अंतरिक्ष में मेटिंग के लिए ले गए, लेकिन उन्होंने पाया कि उनमें से किसी ने भी पृथ्वी पर लौटने के बाद जन्म नहीं दिया। इन बड़े जानवरों को शून्य गुरुत्वाकर्षण में मेटिंग करने के लिए कई बाधाएं पैदा होती हैं।

तीन प्रयोगशाला मॉड्यूल
चीन ने हाल ही में अपने तियानगोंग स्पेस स्टेशन के निर्माण का अंतिम चरण पूरा किया है जो उसके अंतिम मॉड्यूल के बनने से खत्म हुआ। इससे चीन की अंतरिक्ष में लंबे समय तक उपस्थिति सुनिश्चित हो गई है। पृथ्वी की कक्षा के बाहर स्थापित हो चुके टी आकार के इस स्टेशन में तियानहे, वेनतियान और मेंगतियान लैब मॉड्यूल काम करेंगे।

पृथ्वी से 388.9 किमी ऊपर है स्टेशन
चीन की चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी ने इस स्टेशन के लिए एक हजार से भी ज्याद प्रयोगों की स्वीकृति प्रदान की है जिसमें चिकिसकीय शोध से लेकर तकनीकी अध्ययन तक शामिल हैं। फिलहाल यह स्टेशन पृथ्वी से 388.9 किलोमीटर ऊपर स्थित है, जिससे यह दुनिया के अवलकोन का भी अलग अवसर प्रदान करेगा। तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर वर्तमान में दो पुरुष और एक महिला अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।

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