Bhumi Pednekar: बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर आज 36 साल की हो गईं। 2015 में आई फिल्म “दम लगा के हईशा” से अपने करियर की धमाकेदार शुरुआत करने के बाद से वे फिल्म इंडस्ट्री में एक दशक का सफर पूरा कर चुकी हैं। यशराज फिल्म्स में कास्टिंग असिस्टेंट से लेकर बॉलीवुड की सबसे ज्यादा सराही जाने वाली अभिनेत्रियों में से एक बनने तक, उनका सफ़र प्रतिभा, बुलंद हौसले और बदलाव की बेहतरीन कहानी है।
भूमि ने लगभग छह साल तक यशराज फिल्म्स में असिस्टेंट कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर काम किया और मुख्यधारा की कई बेहतरीन बॉलीवुड फिल्मों की कास्टिंग में योगदान दिया। इनमें 2007 में आई “चक दे! इंडिया” और “रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर” और 2010 की फिल्म “तीन पत्ती” शामिल हैं।
भूमि ने 2015 में “दम लगा के हईशा” से अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने एक ऐसी मोटी महिला का किरदार निभाया जो प्यार और सामाजिक न्याय के बीच जूझती दिखती है। यह फिल्म न सिर्फ व्यावसायिक रूप से कामयाब रही, बल्कि पेडनेकर को सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला।
इसके बाद उन्होंने “टॉयलेट: एक प्रेम कथा”, “शुभ मंगल सावधान”, “बधाई दो”, “बाला” और “पति पत्नी और वो” जैसी कई कामयाब और समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों में अभिनय किया। फिल्म “बधाई दो” में अपने खास किरदार के लिए उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड मिला।
भूमि ने ओटीटी पर रिलीज हुई कई बेहतरीन फिल्मों में भी अपने अभिनय से छाप छोड़ी। इनमें प्राइम वीडियो की “दुर्गामती: द मिथ” और “भूत पार्ट वन: द हॉन्टेड शिप”, डिज्नी प्लस हॉटस्टार की “गोविंदा नाम मेरा” और नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई “भक्षक” शामिल है।
समलैंगिक किरदार हो या फिर एक छोटे शहर की महिला या एक खोजी पत्रकार हो, भूमि ने लगातार मुख्यधारा सिनेमा की सीमाओं को आगे बढ़ाया है।
तीन फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, स्क्रीन पुरस्कार, ज़ी सिने पुरस्कार और आईफ़ा पुरस्कार समेत 26 से ज़्यादा पुरस्कार और 38 नामांकनों के साथ भूमि पेडनेकर ने साबित कर दिया है कि वे इस पीढ़ी की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं। फोर्ब्स इंडिया ने 2018 में उन्हें अपनी “30 अंडर 30″ सूची में भी शामिल किया था।
वे हाल में रिलीज हुई नेटफ्लिक्स सीरीज”द रॉयल्स” में ईशान खट्टर के साथ मुख्य भूमिका में नजर आ रही हैं। जिंदगी और कलाकारी के नए साल में कदम रखते हुए भूमि एक बेहतरीन अदाकारा और बॉलीवुड में बदलाव की आवाज के रूप में उभर रही हैं।