World Book Fair: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित प्रौद्योगिकी ने 52वें नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2024 में बच्चों की मौजूदगी को प्रभावित किया है। शिक्षा मंत्रालय के लॉन्च किए गए ऐप ‘ई-जादुई पिटारा’ ने कई बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता का भी ध्यान खींचा है।
प्रगति मैदान में लगे मेले में ई-बुक्स, स्मार्ट लर्निंग के कई स्टॉल लगाए गए हैं, ई-जादुई पिटारा ने मेले में एक स्टॉल लगाया है जो माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करने के लिए गाइडबुक प्रदान करता है। स्टॉल बच्चों को ऐसे नमूने भी प्रदान करता है जो उन्हें मज़ेदार खेलों के साथ सीखने में मदद करते हैं। सीआईईटी और एनसीईआरटी के अकादमिक सलाहकार आलोक कुमार ने कहा कि ये बहुभाषी ऐप मुफ़्त है, हर किसी के लिए सुलभ है। वहीं वर्चुअल लैब उन बच्चों के लिए यहां उपलब्ध है जिनके पास भौतिक प्रयोगशाला नहीं है। ये ऐप अलग-अलग तत्वों के साथ कहानियां बनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
मेले में डांस प्रस्तुतियों के साथ बच्चों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गये, एक अभिभावक ने पीटीआई वीडियो को बताया कि मैं अपने बच्चे के साथ यहां आया था और हमने ई-जादुई पिटारा की खोज की। मेरे बच्चे ने कुछ मजेदार खेल खेले और उसने खूब आनंद लिया।’ माता-पिता ने प्रौद्योगिकी के साथ स्मार्ट लर्निंग की सराहना की और कहा कि इससे उनके बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करना आसान हो जाएगा। पुस्तक मेला शनिवार को ‘बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा’ विषय के साथ शुरू हुआ और इसमें राष्ट्रीयताओं और भाषाओं के 1000 से अधिक प्रकाशकों की भागीदारी है।
बहुभाषी भारत की विविधता को दर्शाता थीम मंडप लोगों के आकर्षण का विशेष केंद्र बना। यहां डिजिटल और मुद्रित दोनों रूपों में भारत की भाषाई संस्कृति को परिलक्षित किया गया है। अतिथि देश सऊदी अरब के अलावा इस साल यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, स्पेन, इटली, रूस, ताइवान, ईरान, यूनाइटेड अरब अमीरात, आस्ट्रिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल सहित 40 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। पुस्तक मेला में इस बाक जहां बच्चों और वयस्कों के लिए टिकटों की कीमत 10 रुपये और 20 रुपये रखी गई है, वहीं स्कूली बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रवेश निःशुल्क रखा गया है, बता दे कि पुस्तक मेले का समापन 18 फरवरी को होगा।
पुस्तक मेले में आए लोगों का कहना है कि “इंटरनेशनल बुक फेयर में हम हर साल आते हैं। तो इस बार काफी अच्छी चीजें देखी हैं बच्चों से रिलेटेड और बड़ों की भी हमारी साहित्य से रिलेटेड। एक ‘ई-जादुई पिटारा’ ऐप के नाम के बारे में मैंने सुना था तो मैंने देखा स्टॉल में आकर। साथ में मेरे बच्चें भी यहां पर काफी कुछ इंजॉय किया।”