New Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल उनकी सरकार का एजेंडा तय नहीं कर सकता, आम आदमी पार्टी दिल्ली में नवगठित बीजेपी सरकार पर इसको लेकर दबाव बना रही है कि वो महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक सहायता देने संबंधी अपनी योजना को लागू करने में तेजी लाये।
एएपी ने पहले विधानसभा सत्र में लगातार इस मुद्दे को उठाया है और कई बार विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘किसी को हमें यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि कितने दिन बचे हैं, हम अपने एजेंडे के अनुसार काम करेंगे, वह निर्देशित नहीं करेंगे।’’ उन्होंने आगामी विकसित दिल्ली बजट के लिए महिला संगठनों के साथ जारी परामर्श पर प्रकाश डाला और कहा कि चर्चा में स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तीकरण सहित विभिन्न मुद्दों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि ‘‘बजट से महिलाओं की सभी अपेक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सरकारी नीतियों में शामिल किया जाए।’’ गुप्ता ने घोषणा की कि अगले तीन दिनों में वह झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर महिलाओं से बातचीत करेंगी और उनकी चिंताओं को समझेंगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वह युवाओं से भी बातचीत करके उनका दृष्टिकोण जानने की योजना बना रही हैं।
उन्होंने बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, ‘‘आगामी दिल्ली बजट लोगों की उम्मीदों को पूरा करने वाला होगा।’’ इससे पहले बुधवार को एएपी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली भर में पोस्टर लगाए, जिन पर लिखा था, ‘‘बस तीन दिन और बचे हैं।’’
इसका उद्देश्य आठ मार्च तक महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक वित्तीय सहायता देने के ‘‘वादे’’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर दबाव बनाना था, आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। विपक्ष की नेता आतिशी के नेतृत्व में एएपी कार्यकर्ताओं ने मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी, दिल्ली की नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार से महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना के क्रियान्वयन के बारे में स्पष्ट समयसीमा की मांग कर रही है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि ”हमने अपने संकल्प पत्र में जितनी भी बातें कहीं हैं, जो भी वायदे किए हैं, निश्चित रूप में हर एक वायदा पूरा होगा चाहे वो 2,500 रुपये का है, चाहे 21,000 बहनों को सिलेंडर है इसके लिए किसी को ये याद दिलाने की जरूरत नही है कि चार दिन रह गए, तीन दिन रह गए, दो दिन रह गए अजेंडा हमारा चलेगा, अजेंडा उनका नहीं चलने वाला।