New Delhi: सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में अपने 2012 के फैसले में संशोधन की मांग वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है, इसमें कहा गया था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों को शिफ्ट या अलग करते समय राज्य के लिए नीलामी प्रक्रिया को अपनाना जरूरी था।
सूत्रों ने बताया कि कोर्ट की रजिस्ट्री ने सरकार की याचिका को ”गलत नीयत” और फैसले की समीक्षा के बहाने स्पष्टीकरण मांगने की कोशिश करार दिया। सुप्रीम कोर्ट रूल, 2013 के आदेश 15 नियम पांच के तहत रजिस्ट्रार ने याचिका लेने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस नियम के मुताबिक “रजिस्ट्रार ऐसी याचिकाओं को लेने से इनकार कर सकता है, जिसमें कोई सही वजह नहीं है या वजह बहुत छोटी है या वजह निंदनीय है। हालांकि याचिकाकर्ता इस तरह के आदेश के खिलाफ 15 दिन में प्रस्ताव के जरिए कोर्ट में अपील कर सकता है।”
इसके अनुसार केंद्र रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ अपील कर सकता है, दो फरवरी 2012 को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2008 में टेलिकॉम मिनिस्टर ए. राजा के कार्यकाल में कंपनियों को दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे। 22 अप्रैल को, केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की कोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल लिस्टेड करने की मांग करते हुए अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा था कि इस याचिका में 2012 के फैसले में संशोधन की मांग की गई है, क्योंकि केंद्र सरकार कुछ और मामलों में भी 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस देना चाहती है। इस साल 22 मार्च को, दिल्ली हाईकोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में राजा और 16 अन्य को बरी करने के खिलाफ सीबीआई की अपील को स्वीकार कर लिया था।