New Delhi: इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली राज्यों की झांकियों में महिला सशक्तीकरण की झलक दिखेगी, केंद्र की कोशिश इस खास कार्यक्रम को अपने आदर्श वाक्य विकसित भारत के साथ ही महिला केंद्रित दिखाना भी है, ओडिशा की झांकी में आपको हस्तशिल्प और हथकरघा सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी देखने को मिलेगी, वहीं छत्तीसगढ़ की झांकी में आपको बस्तर के जनजातीय समुदाय में महिला की प्रभावशाली भूमिका देखने को मिलेगी।
तमिलनाडु की झांकी में आपको 10वीं शताब्दी के चोल युग के दौरान लागू मतदान प्रक्रिया की झलक देखने को मिलेगी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन- डीआरडीओ की झांकी में महत्वपूर्ण सिस्टम और टेक्नोलॉजी के साथ ही इसकी महिला वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान को दिखाया जाएगा।
इसमें मिशन शक्ति में इस्तेमाल होने वाली एंटी-सैटेलाइट मिसाइल, स्वदेशी रूप से डेवलप तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल एमपीएटीजीएम और एलसीए तेजस तक – डीआरडीओ में महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता से दिखाया जाएगा। इसरो की झांकी में उसकी सबसे बड़ी कामयाबी में से एक चंद्रयान थ्री को चंद्रमा के शिव शक्ति प्वाइंट पर दिखाया जाएगा।
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय की झांकी में समुद्री क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम, महिला नाविकों की बढ़ती संख्या, लाइट हाउस और क्रूज टूरिज्म का डेवलपमेंट दिखाया जाएगा, इस साल की परेड में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 16 झांकियां कर्तव्य पथ पर चलेंगी।
झांकी कमांडर का कहना है कि “विकसित भारत का जो शीर्षक है, उसी के अंतर्गत हमारी झांकी है। इसमें आप देखेंगे कि जम्मू कश्मीर में क्या उन्नति हो रही है? क्या नए मौके हैं? वो ये दर्शा रहा है। आप स्टार्टिंग में देखेंगे इसमें जम्मू जू है, जो जम्मू कश्मीर का पहला फुल फ्लैश जू है और ये हमारी बॉयोडायवर्सिटी और कल्चरल डायवर्सिटी, दोनों को संरक्षित करने का हमारा जो प्रयास है, वो दर्शा रहा है।”