Helmet Bank: दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल संदीप शाही अपनी नेक पहल के कारण चर्चा में हैं, उन्होंने ‘हेलमेट बैंक’ खोलकर यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने की अनूठी पहल शुरू की है। शाही उन दोपहिया वाहन चालकों को फ्री में हेलमेट देते हैं जो या तो हेलमेट नहीं पहनते हैं या खराब क्वालिटी के हेलमेट पहनते हैं। हालांकि ये हेलमेट उन्हें वापस करना होता है।
दिल्ली के मधुबन चौक इलाके में इस ‘हेलमेट बैंक’ को चलाने वाले संदीप कहते हैं, इस पहल के पीछे का मकसद लोगों को ट्रैफिक नियम तोड़ने से रोकना है। उन्होंने यह उम्मीद जताई की इस पहल से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा।
संदीप शाही 2014 से सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं, वो अब तक 2400 हेलमेट बांट चुके हैं। संदीप शाही कहते हैं कि यह ‘हेलमेट बैंक’ उनकी निजी पहल है, जो उनके वेतन और पुलिस विभाग से मिले इनाम से चलता है, वो दिल्ली में दूसरे जगहों पर भी इसी तरह के ‘हेलमेट बैंक’ खोलना चाहते हैं।
दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने बताया कि “जिंदगी बचाने का यह कर्म है हमारा, ये तो धर्म है हमारा। शांति, सेवा, न्याय मूल मंत्र है हमारा। तो बात मेरी मान, सुरक्षा को जान, सुरक्षा को जान तो बात मेरी मान। तभी जीवन खुशहाल बन पायेगा और सबका अच्छा टाइम आयेगा। तो सबकी सुरक्षा से जुड़ा हुआ संदेश है, सभी दिल्ली वासियों से अपील है कि आप बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चत करें।
इसके साथ ही कहा कि “आम तौर पर दिल्ली के चालक ऐसे कैप पहनते हैं और यह जो कैप है ये जानलेवा साबित होता है। इसका चालान भी है और ये दुर्घटना के समय में सुरक्षा नहीं दे पाता है और यह आइएसआइ हेलमेट है, देखता हूं कि जीतता कौन है, ये है कैप ये है हेलमेट, जब दोनों टकराता है तो टूटता कौन है,1,2 और ये देखिए ये कैप टूट गया और हेलमेट मेरा मुस्कुरा रहा है।’