Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट आम आदमी पार्टी (एएपी) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार की याचिका पर सुनवाई करेगा।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी. एस. अरोड़ा की बेंच के सामने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया, जिसने इस पर 31 मई को सुनवाई करने पर सहमति जताई।
बिभव कुमार ने वकील रजत भारद्वाज के जरिए अपनी याचिका में गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41A के प्रावधानों का घोर उल्लंघन और कानून के खिलाफ बताया है। बिभव कुमार ने अपनी ‘‘अवैध’’ गिरफ्तारी के लिए ‘‘उचित मुआवजे’’ और उनकी गिरफ्तारी का फैसला लेने में शामिल ‘‘दोषी’’ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की भी मांग की।
बिभव कुमार की जमानत याचिका को एक सेशंस कोर्ट ने खारिज कर दिया था, अदालत ने कहा कि ऐसा लगता होता है कि मालीवाल की ओर से एफआईआर दर्ज कराने में कोई ‘‘पूर्व नियोजित मंशा’’ नहीं थी और उनके आरोपों को ‘‘खारिज नहीं किया जा सकता।’’ मालीवाल ने आरोप लगाया है कि बिभव कुमार ने 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर उनके साथ मारपीट की।