Delhi: भगवान राम और माता सीता का विवाह, वैदेही की ‘अग्नि परीक्षा’, बंदरों की एक सेना, राम नाम लिखे पत्थरों का तैरना और रामायण से जुड़ी बहुत सी यादों को मधुबनी पेंटिग के जरिए पेश किया गया है। बिहार के मिथिला क्षेत्र की 37 महिला कलाकारों ने दिल्ली में ललित कला अकादमी में रामायण से जुड़ी मधुबनी पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई है।
‘मिथिला रामायण’ के नाम की इस प्रदर्शनी में रामायण को फिर से जीवंत करने की कोशिश की गई है, रामायण की आम कहानियों के अलावा बारीक और रंगीन पेंटिंग से मिथिला क्षेत्र की शादी की रस्मों और त्योहारों पर भी कलाकारों ने खूब मेहनत की है।
क्यूरेटर के मुताबिक एक साथ लगाई गई पेंटिंग्स मिथिला की मानसिकता को जाहिर करती है, रामायण की दूसरी महिला किरदारों पर भी पेटिंग बनाई गई हैं। इनमें मंदोदरी, तारा, त्रिजटा, इंद्रजीत की पत्नी सुलोचना, सुग्रीव की पत्नी रूमा और भगवान राम की बड़ी बहन शांता भी शामिल हैं।
यह प्रदर्शनी 12 अप्रैल तक चलेगी, क्यूरेटर और कलाकार मनीषा झा का कहना है कि “यह मैंने पिछले 20 सालों में तैयार किया है। मेरे पास 400 कलाकृतियों का एक पूरा संग्रह है, हमने उनमें से केवल 100 का प्रदर्शन किया है। यहां आप शुरुआती मिथिला चित्रकार जगदंबा देवी से लेकर सबसे कम उम्र के छात्रों तक की पेंटिंग देख सकते हैं। ये एक यात्रा की तरह है ये महिलाओं के विकसित, महिलाओं के संरक्षित और महिलाओं के अभ्यास से किया जाने वाला एक कला रूप है।”
“सीता का जन्म मिथिला में हुआ था, इसलिए हम हर बेटी को सीता और हर दामाद को राम मानते हैं और इसलिए सीता और राम की पूरी अवधारणा लोगों के मानस में है। ये प्रदर्शनी दिखाती है। आपको राम की शादी मिलेगी मिथिला परंपराओं में चित्रित, हमने इसके सभी अनुष्ठानों को दिखाया है।”