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समस्तीपुर. बिहार के समस्तीपुर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानकर आप दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे. जिले के उजियारपुर में एक महिला महज 3 महीने 12 दिन के अंतराल में दो बार मां बनीं और दोनों बार उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. मामला सामने आने पर हर कोई हैरत में पड़ गया कि आखिर प्रकृति के नियमों के विरुद्ध ऐसा कैसे हो गया? दरअसल, इसकी हकीकत कुछ और ही है. महज 102 दिन के अंतराल में ही दो बार प्रेग्नेंट होकर 2 बच्चों को जन्म देने वाली महिला जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले लाभ की चाहत में आशा कार्यकर्ता के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार की इस घटना को अंजाम दिया. मामला उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.
यह मामला उजियारपुर सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) का है. यहां एक महिला न आशा कार्यकर्ता के साथ मिलकर 9 महीने के बजाय महज 3 महीने 12 दिन के अंतराल पर दो बार मां बन गई. इससे भी ज्यादा हैरत की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस पर गौर तक नहीं किया. दिलचस्प है कि महिला ने दोनों बार उजियारपुर पीएचसी में ही प्रसव कराया था. इसके बावजूद न तो डॉक्टर ने और न ही किसी अन्य अधिकारी इस फर्जीवाड़े को पकड़ सके. ‘हिन्दुस्तान’ की रिपोर्ट के अनुसार, मामला उजागर होने के बाद सीएस डॉक्टर सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है.
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सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, भ्रष्टाचार की आरोपी महिला उजियारपुर प्रखंड के हरपुर रेबाड़ी गांव की रहने वाली हैं. रेबाड़ी गांव की ही आशा कार्यकर्ता रीता देवी क सहेयाग से वह पहली बार 24 जुलाई को उजियारपुर पीएचसी में भर्ती हुई थीं. उसी दिन महिला ने बेटे को जन्म दिया था. वही महिला दोबारा से 3 नवंबर को उजियारपुर पीएचसी में ही भर्ती हुईं और 4 नवंबर को उन्होंने एक बार फिर से बेटे को जन्म दिया था. इसके बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. पहले बच्चे के जन्म के बाद महिला को जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत राशि प्रदान की गई थी.
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