Bihar News: नीतीश कुमार अपनी जिस पुलिस को हाईटक बनाने के दावे कर रहे थे, वह वाकई हाईटेक होती जा रही है. ये पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं बल्कि घूस लेने के लिए हाईटेक तरीका अपना रही है. ताजा मामला जिले के सिरदला थाने की पुलिस का है. जहां तीन टैक्टर ट्रॉली पर लदे लकड़ी को पकड़कर छोड़ने के लिए थाने में तैनात मुंशी के द्वारा ढेड़ लाख रुपए की डिमांड की. जहां शीशम की लकड़ी लदे 3 ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़कर छोड़ने के लिए लकड़ी व्यवसाई वीरेंद्र सिंह को फोन पे (PhonePe) के जरिये सिरदला थाने में तैनात मुंशी हर्ष कुमार को 1 लाख रुपए और नगद 4 हजार रुपए घूस देनी पड़ी.
लकड़ी व्यवसाई जिले के नरहट थाना क्षेत्र के गारो बीघा के निवासी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उसने अपनी निजी जमीन से लकड़ी की कटाई की है थानेदार सरोज सिंह से लकड़ी लदे सभी ट्रैक्टर छोड़ने की गुहार लगायी. थानेदार साहब ने कह दिया कि जाओ मेरे मुंशी से बात कर लो. लकड़ी व्यवसाई ने थाने के मुंशी से बात की और लकड़ी लदे 3 ट्रैक्टर को छोड़ने के लिए ढेड़ लाख रुपए की मांग की. लकड़ी व्यवसाई ने काफी रिक्वेस्ट की तो 1 लाख रुपये में सभी लकड़ी लदे ट्रैक्टर छोड़ने का डील तय हुई.
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घूस की राशि तय होने के बाद लकड़ी व्यवसाई ने कहा कि उसके पास कैश पैसे नहीं है. इसके बाद मुंशी ने उसे घूस देने का रास्ता बताया. थाने के मुंशी ने लकड़ी व्यवसाई को एक नंबर दिया और उस पर घूस की राशि भेजने को कहा. लकड़ी व्यवसाई ने फोन पे (PhonePe) के जरिये 1 लाख रुपये भेजे. जब रूपये के भुगतान की पुष्टि हो गयी तो लकड़ी लदे सभी ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया. जिस मोबाइल नंबर पर पैसा भेजा गया वह सिरदला थाने मे कार्यरत मुंशी हर्ष कुमार के घर का नंबर बताया जा रहा है. पीड़ित लकड़ी व्यवसाई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि वह कहता रहा कि जब्त सारे ट्रैक्टर पर लदे लकड़ी अपनी निंजी जमीन पर लगी थी जिसे कटवाया गया. अगर कुछ गलत है तो पुलिस फाइन ले. लेकिन भयादोहन कर अवैध उगाही की गई.
Bihar News: नरहट थाने के गारो बीघा गांव के निवासी लकड़ी व्यवसाई वीरेंद्र सिंह बता रहे हैं कि उनके लकड़ी लदे 3 ट्रैक्टर को सिरदला पुलिस ने जब्त कर मुझे थाना बुलाया. जहां थानाध्यक्ष सरोज कुमार के द्वारा थाने के सिपाही हर्ष जो मुंशी के रूप में काम करते हैं सारा काम का जिम्मेदारी उन्ही को देते हुए साथ में एक जमादार चुनचुन दास व चार सिपाही को भेजा था. जहां से उन्होंने व्यवसाई को स्कार्पियो में बिठाया और ले गए. लकड़ी लदे ट्रैक्टर ट्रॉली को छोड़ने के लिए डेढ़ लाख रुपये की डिमांड की, नहीं देने पर परेशान करने के लिए भी धमकाया गया. तब भय के मारे लकड़ी व्यवसाई ने मोबाइल फोन से फोन पे के माध्यम से करण कुमार के फोन पे मोबाइल नंबर पर एक लाख रुपए को ट्रांसफर कराया.
उन्होंने बताया कि, सिपाही हर्ष ने व्यवसाई के पॉकेट में रखे 4000 हजार रुपये भी ले लिए. जो नरहट थाना में देने के लिए रखे थे. व्यवसाई ने बताया कि 300 रुपया गाड़ी नरहट थाना को देते है. आगे व्यवसाई ने आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी बड़ी रकम की उगाही केवल थाना के मुंशी और सिपाही तक सीमित नहीं रह सकती. अब निष्पक्ष जांच से ही भ्रष्टाचार की कलाई खुलेगी.