राष्ट्रपति चुनाव: इस बार क्यों घटेगी सांसदों के वोटों की कीमत, जानें क्या है इसकी वजह

देश में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने जा रहे है। 18 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई को मतगणना होगी जिसके बाद नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगे। बता दें कि इस चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के निर्वाचित विधायक वोट डालेंगे। लेकिन मनोनित 12 सांसदों को इस चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं होता है। इस चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 4,809 होगी। हालांकि इन सभी के वोट की वैल्यू अलग-अलग होती है। यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायकों के वोट की वैल्यू भी अलग होती है।

1971 की जनगणना के आधार पर एक वोट की वैल्यू
राष्ट्रपति चुनाव में हर एक वोट की वैल्यू राज्य की जनसंख्या और वहां की कुल विधानसभा सीटों के हिसाब से तय होती है। बता दें कि हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की जनसंख्या अलग-अलग है। लेकिन वोटों की ये वैल्यू मौजूदा या आखिरी जनगणना की जनसंख्या के आधार पर तय नहीं होती है। बल्कि इसके लिए 1971 की जनसंख्या को आधार बनाया गया है। सविधान (84वां संशोधन) अधिनियम 2001 के अनुसार, वर्तमान में राज्यों की जनसंख्या साल 1971 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है जिसमें बदलाव साल 2026 के बाद की जनगणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद किया जाएगा।

विधायकों के वोट की वैल्यू
राज्य के विधायक के पास कितने वोट हैं, इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले उस राज्य की 1971 की जनगणना के मुताबिक जनसंख्या को लेते हैं। इसके बाद उस राज्य के विधायकों की संख्या को सौ से गुणा करते हैं। गुणा करने पर जो अंक मिलता है उससे कुल जनसंख्या को भाग दे देते हैं। फिर जो नतीजा आता है वही उस राज्य के एक विधायक के वोट की वैल्यू होती है। बता दें कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट की वैल्यू सबसे ज्यादा और सबसे कम वैल्यू सिक्किम के विधायकों की होती है। उत्तर प्रदेश के एक विधायक के वोट की वैल्यू 208, झारखंड और तमिलनाडु के एक विधायक के वोट की वैल्यू 176, महाराष्ट्र के एक विधायक के वोट की वैल्यू 175, बिहार के एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 होती है। जबकि सबसे कम वैल्यू अरुणाचल और मिजोरम के एक विधायक के वोट की वैल्यू 8 और सिक्किम के एक विधायक के वोट की वैल्यू 7 होती है।

सांसदों के वोट की वैल्यू
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के वोट की वैल्यू की बात करें तो सांसदों के वोट की वैल्यू निकालने के लिए सभी विधायकों के वोट की वैल्यू को जोड़ लिया जाता है। जोड़ने पर जो अंक आता है उसे राज्यसभा और लोकसभा के कुल सांसदों की संख्या से भाग दे देते हैं। फिर जो नतीजा आता है वही एक सांसद के वोट की वैल्यू होती है। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 245 में से 233 सांसद और लोकसभा में 543 सांसद वोट डालेंगे। दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या 776 है। जिनकी एक वोट की वैल्यू 700 होगी। इस लिहाज से सांसदों के सभी वोटों की वैल्यू 5,43,200 होती है। अब अगर विधानसभा सदस्यों और सांसदों के वोटों की कुल वैल्यू देखें तो यह 10 लाख 86 हजार 431 हो जाती है।

सांसदों के वोट की वैल्यू घटकर हुई कम
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सांसद के वोट की वैल्यू सबसे ज्यादा 1974 के चुनाव में 723 थी, जो 1977 के राष्ट्रपति चुनाव में घटकर 702 हो गई थी। उसके बाद 1997 से सांसद के वोट की वैल्यू 708 बनी हुई थी। हालांकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने की वजह से राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के वोट की वैल्यू 708 से घटकर 700 रह गई है। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट की वैल्यू दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचित सदस्यों की संख्या पर आधारित होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *