PM Modi: भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह 13 अक्टूबर को मिस्र के लाल सागर स्थित रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया था। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और लगभग 20 अन्य देशों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
भारत ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सिंह को नियुक्त किया है।मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी की ओर से आयोजित ‘शर्म अल-शेख शांति शिखर सम्मेलन’ में गाजा और व्यापक मध्य-पूर्व में स्थायी शांति लाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। इसकी सह-अध्यक्षता अल-सीसी और डोनाल्ड ट्रंप करेंगे।
विदेश राज्य मंत्री सिंह शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं में शामिल हैं। मिस्र की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प करेंगे, जिसमें 20 से ज्यादा देशों के नेता भाग लेंगे।”
इसमें कहा गया है, “शिखर सम्मेलन का उद्देश्य गाजा पट्टी में युद्ध को समाप्त करना, मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों को बढ़ाना और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता के एक नए चरण की शुरुआत करना है।” यह शिखर सम्मेलन राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के पहले चरण के लागू होने के कुछ दिनों बाद हो रहा है। गाजा में युद्धविराम बीते शुक्रवार को लागू हुआ था। उम्मीद है कि हमास सोमवार सुबह लगभग 20 जीवित बंधकों को रिहा कर देगा।
7 अक्टूबर, 2023 को हमास के इजराइली शहरों पर हमला करने और लगभग 1,200 लोगों की हत्या के बाद इजराइल ने गाजा पर हमला कर दिया। हमास ने 251 लोगों को बंधक भी बनाया और उनमें से 50 से ज़्यादा अभी भी उसकी कैद में हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, तब से इज़राइली सैन्य अभियानों में 66,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। भोजन और दवाओं की कमी के कारण गाजा एक बड़े मानवीय संकट से जूझ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने कहा था कि गाजा में कुपोषण की दर “खतरनाक स्तर” पर पहुंच गई है।