Vikshit UP 2047: उत्तर प्रदेश का नया अवतार, AI से जुड़े कारोबार

Vikshit UP 2047: उत्तर प्रदेश अगले 22 वर्षों में देश और दुनिया के लिए एक टेक्नोलॉजी पॉवरहाउस के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन “विकसित यूपी @2047” प्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डीप टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन का वैश्विक केंद्र बनाने का है। उनका मानना है कि तकनीक के सहारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाकर न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि यूपी भारत के डिजिटल भविष्य की धुरी बनेगा। योगी सरकार का स्पष्ट मत है कि यूपी का नया अवतार तकनीक और नवाचार से ही बनेगा। साथ ही प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने का भी माध्यम बनेगा।

बीते 8 सालों में डिजिटल बदलाव
2017 से पहले की तस्वीर बेहद निराशाजनक थी। साल 2015-16 में प्रदेश के विद्यालयों में कम्प्यूटर की उपलब्धता मात्र 13.3 प्रतिशत थी। लेकिन बीते साढ़े आठ सालों में इस स्थिति में ऐतिहासिक सुधार हुआ। 2023-24 तक यह आंकड़ा बढ़कर 40.2 प्रतिशत तक पहुंच गया। आज प्रदेश के 25,790 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज़, 880 ब्लॉक रिसोर्स सेंटरों में आईसीटी लैब्स और शिक्षकों के लिए 2.61 लाख से अधिक टैबलेट उपलब्ध हैं। वहीं स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत करीब 50 लाख युवाओं को टैबलेट-स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं, जबकि 2 करोड़ युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह पहल डिजिटल शिक्षा और स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम है।

2030 तक डिजिटल प्रदेश का खाका
मुख्यमंत्री योगी ने 2030 तक यूपी को टेक्नोलॉजी हब बनाने का रोडमैप तैयार किया है। इसमें कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य शामिल हैं। लखनऊ और कानपुर में बनने वाली एआई सिटी प्रदेश को वैश्विक रिसर्च और इनोवेशन का हब बनाएगी। एनसीआर, लखनऊ और नोएडा को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) के लिए देश के शीर्ष गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, हर मंडल में इनोवेशन इनक्यूबेटर स्थापित होंगे, जिससे जमीनी स्तर के युवाओं को अपने इनोवेशन को आगे ले जाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, यूपी सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र बनने की दिशा में काम कर रहा है।

2047 तक डीप टेक्नोलॉजी में वैश्विक नेतृत्व
मुख्यमंत्री योगी का विजन है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश डीप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाए। इसमें एआई, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉकचेन, एडवांस्ड रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और जीन एडिटिंग, नैनोटेक्नोलॉजी, स्पेस टेक्नोलॉजी और ग्रीन टेक जैसी तकनीकें शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इन सेक्टरों में महारथ हासिल करने से न केवल प्रदेश को रोजगार और निवेश मिलेगा, बल्कि यूपी भारत की डिजिटल क्रांति की धुरी बनेगा।

रणनीतिक स्तंभ और फोकस एरिया
योगी सरकार ने अपने विजन को तीन रणनीतिक स्तंभों पर आधारित किया है। इनमें एआई सिटी, ग्रीन आईटी और सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी तथा स्पेस टेक्नोलॉजी शामिल है। इन स्तंभों को मजबूती देने के लिए प्रदेश का फोकस एआई और डीप टेक इनोवेशन, टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी एवं डेटा प्रोटेक्शन हब बनाने पर होगा। साथ ही, योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट में पांच गुना वृद्धि हासिल की जाए।

6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि एआई, डीप टेक्नोलॉजी और उभरते सेक्टर ही 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचने की सबसे बड़ी ताकत बनेंगे। ‘विकसित यूपी @2047’ के तहत लखनऊ और कानपुर में बनने वाली एआई सिटी, सेमीकंडक्टर और ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब, ग्लोबल डेटा सेंटर, इनोवेशन इनक्यूबेटर और साइबर सिक्योरिटी हब जैसे कदम प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे, जिससे न सिर्फ युवाओं को ग्लोबल स्किल्स और रोजगार मिलेगा, बल्कि प्रदेश की जीडीपी को लगातार 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर पर बनाए रखने की मजबूती भी मिलेगी। यही विजन 2047 तक यूपी को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की आधारशिला है।

 

 

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