Uttarakhand: उत्तराखंड के स्वास्थ्य व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड अब केवल पर्यटक स्थल नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय केन्द्र बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में वर्तमान में 22,000 से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जहां 37 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
प्रदेश में अब तक 37 विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं और इस साल यह संख्या 40 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने शिक्षा को सीमित दायरे से निकालकर एक वैश्विक स्तर पर लाने की दिशा में काम शुरू किया है, अब विदेशी छात्र भी उत्तराखंड में पढ़ाई के लिए आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि साक्षरता के मामले में उत्तराखंड अब पूरे भारत में दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है। “अब सिर्फ तमिलनाडु हमसे आगे है, लेकिन अगली साल हम उसे भी पीछे छोड़ देंगे। राज्य सरकार ने शिक्षा सुधार के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों को चिन्हित किया है राज्य के विश्वविद्यालयों को वैश्विक रैंकिंग में लाना, नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करना और कक्षा 9वीं से व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की जायेगी, जिससे छात्र शिक्षा के साथ रोज़गार की दिशा में भी आगे बढ़ सकें।
इसके साथ शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस साल 700 स्कूलों में व्यावसायिक कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। इसके साथ ही 1200 इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लास और हर स्कूल में कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब छात्र सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे, हम उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी क्रांति लाने का काम किया जा रहा है। रावत ने कहा कि 17 सितंबर (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) तक राज्य में एक व्यापक स्वास्थ्य सेवा अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत प्रदेष के 225 स्थानों पर रक्तदान शिविर, लगाया जाएगा जिसमें 1 लाख यूनिट रक्त एकत्रित करने का लक्ष्य रख्खा गया है। उन्होंने कहा कि करीब 4 लाख युवाओं का हेल्थ वालंटियर रजिस्ट्रेशन भी किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेष के 7500 ग्राम सभाओं में स्वास्थ्य शिविर, जहां हर गांव में डॉक्टर स्वयं जाकर निशुल्क जांच और दवाएं देंगें। उन्होने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि अगले 15 दिनों में कम से कम 25 लाख लोग स्वास्थ्य लाभ लें। ये सिर्फ शिविर नहीं, जनआंदोलन है। मंत्री ने बताया कि 2026 तक पिथौरागढ़ और उधमसिंहनगर में नए मेडिकल कॉलेज शुरू होंगे। इसके अलावा, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां 400 एमबीबीएस के छात्रों को पीजी की पढ़ाई राज्य सरकार अपने खर्चे पर करवा रही है।
इन विशेषज्ञ डॉक्टरों को 5 साल तक राज्य में सेवा देना अनिवार्य होगा, जिससे पहाड़ और दूरदराज के क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मंत्री ने राजनीतिक तंज भी कसते हुए कहा कि “70 साल तक वोट की चोरी करने वाले अब क्या नसीहत देंगे?। उन्होंने कहा कि जो लोग 1950 से लेकर करीब 70 सालों तक वोट की चोरी करते रहे, वो आज देश को क्या दिशा देंगे? अब जनता समझदार है।