Ganesh Chaturthi: हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, दोनों समुदाय के कारीगरों ने बनाई ‘बप्पा’ की मूर्तियां

Ganesh Chaturthi: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में चांद बाबू नाम के एक शख्स करीब 15 साल से भगवान गणेश और मां दुर्गा की मूर्तियां बना रहे हैं, खास बता यह है कि चांद बाबू यह काम मुस्लिम होने के बावजूद कर रहे हैं।

चांद बाबू, कारीगर “मेरा काम है मूर्ति बनाना और यहां पर दुर्गा जी की, गणेश जी की और जिसकी जैसी डिमांड होगी वैसी मूर्ति बनती है। कारखाना वजीरबाग मछी मंडी में मस्जिद के सामने।

बहराइच में एक मस्जिद के पास हिंदू और मुस्लिम कारीगरों का छोटा सा ग्रुप है। वो बताते है कि दोनों समुदाय के लोग सालों से शांति और भाईचारे के साथ प्यार से रह रहे हैं। वो एक-दूसरे के त्योहार मनाते हैं और बिना किसी विवाद के अपने-अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं।

रिंकू पटवा, कारीगर हम तो ये ही कहेंगे कि हमारा यहां बनता है हिंदू-मुसलमान का। हम गणेश जी की मूर्ति रखते हैं यहां। वो अपना नमाज कर लेते हैं, हम अपनी आरती कर लेते हैं। जब हम छोटे-छोटे थे तब माता जी की मूर्ति रखी जाती थी। तब मन में लालसा जगती थी। सोचते थे कि हम भी करेंगे।

संदेश हमारा यही है कि जो आज हिंदू-मुसलमान कर रहा है वो ये न करे। सभी आपस में भाई बनकर रहे। आपस में लड़ाई करने का कोई मतलब है नहीं। भाईचारा हमेशा बना कर रखे।”

चांद बाबू बताते हैं कि उन्हें गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा का बेसब्री से इंतजार रहता है। वो पूजा-पाठ में हिस्सा लेते हैं। धोती-कुर्ता पहनकर मूर्तियों का विसर्जन भी करते हैं।

उनके पड़ोस में रहने वाले हिंदू परिवारों का कहना है कि वो अपने मुस्लिम भाइयों के साथ शांति से रहते हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ देते हैं। गणेश चतुर्थी के लिए एक दिन बचा है। ऐसे में दोनों समुदायों के कारीगर बहराइच के अलग-अलग पंडालों के लिए मूर्तियों के ऑर्डर पूरे करने में जुटे हैं।

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