UP News: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लखनऊ की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने छांगुर को प्रवर्तन निदेशालय की पांच दिन की कस्टडी में भेज दिया है। यह मामला अवैध धर्मांतरण रैकेट से जुड़ा है, जिसकी जांच यूपी पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड कर रही है। छांगुर उर्फ जलालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह पहले से ही इस मामले में जेल में बंद हैं। अब ईडी उन्हें 1 अगस्त तक पूछताछ के लिए हिरासत में रखेगी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उनका बयान दर्ज करेगी।
इससे पहले, ईडी ने छांगुर के बलरामपुर स्थित पैतृक निवास और मुंबई के दो स्थानों पर छापेमारी की थी। ईडी के मुताबिक, जांच में पता चला कि बाबा और उनके साथियों के 22 बैंक खातों में कुल 60 करोड़ रुपये की रकम जमा हुई, जिनमें से बड़ी राशि विदेशों से आई थी। मनी लॉन्ड्रिंग केस एटीएस द्वारा गोमती नगर थाने में दर्ज एफआईआर पर आधारित है। इसमें भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम, 2021 की धाराएं लगाई गई हैं।
छांगुर, उनके बेटे महबूब और उनके सहयोगी नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और नीतू रोहरा उर्फ नसीरीन को एटीएस ने गिरफ्तार किया था और सभी इस समय जेल में हैं। एटीएस की शिकायत में कहा गया है कि यह एक बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की साजिश है, जिसमें विदेशी फंड का इस्तेमाल और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियां शामिल हैं।
ईडी ने बताया कि बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह से संचालित इस नेटवर्क के जरिए छांगुर ने बड़े पैमाने पर ऐसे लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जो अनुसूचित जाति या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से थे। ईडी की जांच में सामने आया है कि इन अवैध फंडों से कई करोड़ की संपत्तियां खरीदी गईं और निर्माण कार्य कराए गए। ये संपत्तियां छांगुर की बजाय नवीन रोहरा और नीतू रोहरा के नाम पर खरीदी गईं, ताकि असली कर्ताधर्ता छिपा रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को “राष्ट्रविरोधी और समाजविरोधी” करार दिया है।