Punjab: मैराथन धावक फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले वाहन का चालक गिरफ्तार

Punjab:  दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले वाहन के चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार जालंधर जिले के करतारपुर के दासूपुर निवासी अमृतपाल सिंह ढिल्लों (26) को गिरफ्तार किया गया और उसकी गाड़ी भी जब्त कर ली गई है।

फौजा सिंह (114) जालंधर स्थित अपने पैतृक गांव ब्यास पिंड में जालंधर-पठानकोट राजमार्ग पर सोमवार शाम टहलने निकले थे, तभी ढिल्लों के वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। ढिल्लों उस समय भोगपुर से किशनगढ़ जा रहा था। हादसे में फौजा सिंह को गंभीर चोटें आईं और उसी दिन उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि फौजा सिंह पांच से सात फुट तक हवा में उछल गए थे।

सूत्रों ने बताया कि आरोपी का परिवार विदेश में रहता है और वह हाल में अपने पैतृक स्थान लौटा था। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है तथा जल्द ही और जानकारी सामने आएगी। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 281 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाना) और 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

जालंधर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह ने कहा कि ‘‘हमने सीसीटीवी फुटेज से वाहन की पहचान कर ली है। यह पंजाब में पंजीकृत ‘टोयोटा फॉर्च्यूनर’ है। दुर्घटनास्थल से हमें गाड़ी की हेडलाइट के कुछ टुकड़े मिले थे, इसके बाद हमने वाहन का पता लगाया।’’उन्होंने बताया, ‘‘वाहन को एक से ज्यादा बार बेचा जा चुका है।’’ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मैराथन धावक के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने विशिष्ट व्यक्तित्व से और ‘फिटनेस’ के विषय पर भारत के युवाओं को प्रेरित किया।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अनुभवी मैराथन धावक फौजा सिंह ने अपनी मैराथन दौड़ से दुनियाभर के सिख समुदाय को गौरवान्वित किया, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि फौजा सिंह के निधन की खबर बेहद दुखद है।

पंजाब विधानसभा ने फौजा सिंह को श्रद्धांजलि दी, विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन, संसदीय कार्य मंत्री रवजोत सिंह ने सदन में सिंह को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव रखा। फौजा सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में मैराथन दौड़नी शुरू की थी और फिर दुनिया भर में अपने जोश एवं जज्बे का डंका बजाया। उनकी एथलेटिक क्षमता के कारण उन्हें ‘‘टर्बन्ड टॉरनेडो’’ कहा जाने लगा। वर्ष 1911 में एक किसान परिवार में जन्मे सिंह चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। वह 100 वर्ष की आयु में मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति बने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए।

वह 1990 के दशक में इंग्लैंड चले गए थे और हाल के वर्षों में पंजाब स्थित अपने पैतृक गांव में रहने के लिए लौट आए थे। वह 2012 के लंदन ओलंपिक में मशाल वाहक थे। उन्होंने लंदन, न्यूयॉर्क और हांगकांग की प्रसिद्ध मैराथन सहित कई मैराथन दौड़ में भाग लिया था। उनकी सबसे यादगार दौड़ों में से एक 2011 की थी जब वह 100 वर्ष के हुए। टोरंटो में आयोजित प्रतियोगिता का नाम उनके सम्मान में रखा गया और उन्होंने अपने आयु वर्ग में कई विश्व रिकॉर्ड तोड़े।

पिछले साल, सिंह नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित एक ‘वॉकथॉन’ में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के साथ शामिल हुए थे।

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