पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में 22 अप्रैल से 2 मई तक होने वाले महायज्ञ की तैयारियां जोरों पर हैं। महायज्ञ को लेकर बदरी-केदार मंदिर ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
महायज्ञ के सफल संचालन के लिए मन्दिर समिति व हक-हकूधारियों द्वारा विभिन्न समितियों का गठन कर जिम्मेदारियां सौंपी जा रही है। महायज्ञ के समापन के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से कैलाश के लिए रवाना होगी तथा चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर परम्परा अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें।
बता देंकि 22 अप्रैल को विशेष पूजा-अर्चना व अन्य धार्मिक परंपराओं के साथ महायज्ञ का शुभारंभ किया जाएगा। दसवें दिन 1 मई को भव्य जलकलश यात्रा एवं 2 मई को पूर्णाहुति व प्रसाद वितरण के साथ समापन होगा। बताया कि इससे पूर्व पिछले दो वर्षो में भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने तुंगनाथ घाटी व मदमहेश्वर घाटी के विभिन्न गांवों के घर-घर जाकर भक्तों की कुशलक्षे पूछी थी, लेकिन पिछले वर्ष कोरोना के चलते महायज्ञ संभव नहीं हो सका। अब महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। लगभग 16 वर्षों बाद हो रहे महायज्ञ को लेकर क्षेत्रीय लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है।