Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में कुलगाम के पास मंजगाम के जंगल में अचानक आग भड़क उठी। लोगों ने फौरन वन विभाग को इत्तिला किया, जिससे समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।
आग भड़कती तो जंगल में सैकड़ों साल पुराना चंदन का पेड़ पूरी तरह खाक हो सकता था, जिसे स्थानीय कश्मीरी पंडित पवित्र मानते हैं, आग पूरी तरह बुझाने में 24 घंटे लग गए। खैरियत थी कि समय रहते जानकारी मिलने से नुकसान कम हुआ।
जिस जंगल में आग लगी, वो समुद्र तल से 2000 फीट की ऊंचाई पर है और पीर पंजाल रेंज का हिस्सा है। चंदन का जो पेड़ आग की चपेट में आया, वो कुलगाम की प्रतिष्ठित माता खीर भवानी मंदिर से महज 400 मीटर दूर है।
मंजगाम निवासी मंसूर अहमद ने बताया कि “जो यहां पे एक पेड़ है, चंदन का पेड़, इसके सामने पूरी तरह आग फैली हुई थी। यहां के सब मुसलमान लोग आए। ये हमारे पंडित भाईयों का पवित्र पेड़ है। इसको वो पूजा करते हैं, हमने इसको बचाया पूरी तरह से। हमें अपना मजहब यही सिखाता है कि दूसरे मजहब की इज्जत करें और एहतराम करें। इसको पूरी तरह से बचाया गया और इसके साथ-साथ पूरी आग पे कंट्रोल किया गया। पूरे जंगलात को बचाया गया। यहां के लोग और पूरे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद आग पर काबू पा लिया।”
“चंदन ट्री में अचानक शाम को आग लगी। अचानक ये पता नहीं कैसे हुआ। उसी वक्त यहां के लोग, सोशल वर्कर, फॉरेस्ट वाले और यहां के फायर सर्विस वाले उसी वक्त पहुंच गए। आग पर थोड़ा काबू पा लिया, जिससे चंदन ट्री को मुख्य रूप से बचा लिया गया। बाकी आग को सुबह-सवेरे उन्होंने काबू में ले लिया। सेफ और साइड रहा हरेक चीज। कोई खास नुकसान नहीं हुआ ज्यादा।”
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि “हमें मैसेज मिली। हमारा स्टाफ वहां पर अवेलेबल था। लोग जल्दी से पहुंच गए और मुकामी लोगों ने उनका बहुत ज्यादा साथ दिया। तो मेरे ख्याल में एकाध घंटे में उस आग पे मुकामी लोगों की बदौलत काबू पा लिया।