Srinagar: सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके गठबंधन सहयोगियों की करीब दो घंटे तक चली विधायक दल की बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें से एक में लोगों के जनादेश का सम्मान करने की मांग की गई। राज्य में सरकार चला रही नेशनल कॉन्फ्रेंस की ये कवायद केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में राजभवन और छह महीने पुरानी सरकार के बीच बढ़ती रस्साकशी को लेकर थी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि वो सरकार को “प्यार और सम्मान” के साथ चलाना चाहती है और उसकी चुप्पी को उसकी “कमजोरी” नहीं समझा जाना चाहिए। इसके साथ ही पार्टी ने बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से अपील की कि वो “उन्हें दीवार पर न धकेले”। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की मौजूदगी में ये बैठक गुपकार में उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी के आवास पर हुई।
बैठक में कैबिनेट मंत्री, पार्टी के सभी विधायक और मुख्य सचेतक निजामुद्दीन भट की अगुवाई में कांग्रेस के चार विधायक और सरकार का समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक शामिल हुए।
गठबंधन सहयोगियों की ये बैठक उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के 48 अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति के आदेश की हुई है। इसके अलावा ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की छह अप्रैल से होने वाली राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि क्या हम समझते हैं कि जम्मू और कश्मीर के लोगों ने जो मैंडेड दिया है। जो बढ़-चढ़कर हिस्सा लोगों ने इस इलेक्शन में लिया है। उस इलेक्शन, उस वोटिंग, उस मैंडेड की कद्र करने की बहुत जरूरत है और जो भी उसकी इज्जत नहीं करता है, वो यहां के लोगों के मैंडेड की इन्सल्ट कर रहा है। हुकूमत-ए-हिंद को फिर से रिक्वेस्ट और डिमांड की है कि यहां का यहां का जो मैंडेड है, उसकी इज्जत करना बहुत जरूरी है। ये दो अहम चीज है, जिस पर हमने बात की है।”