Mahashivratri: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में महाशिवरात्रि से पहले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। महाकुंभ में स्नान के बाद काफी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं। कहा जा रहा है कि रोजाना करीब आठ से नौ लाख श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गोदौलिया और गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है। प्रशासन भी पुरी तरह मुस्तैद है। भीड़ पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस बार बाबा विश्वनाथ भक्तों को लगातार 32 घंटे तक दर्शन देंगे। बाबा विश्वनाथ की एक झलक पाने के लिए लोग अभी से ही लंबी-लंबी कतारों में लग रहे हैं। विश्वनाथ मंदिर के बाहर 5 किलोमीटर तक लंबी लाइन रोजाना लग रही है। दर्शन करने में लोगों को कई घंटे का वक्त लग रहा है।
VIP और सुगम दर्शन बंद है। इसकी वजह से लोगों को प्रोटोकॉल और VIP दर्शन का लाभ नहीं मिल रहा है। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि महाशिवरात्रि पर इस बार भीड़ के पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हो सकते हैं। इसे लेकर मंदिर प्रशासन खास तैयारी कर रहा है। मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। यदि आप भी यहां आने का प्लान बना रहे हैं तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई स्थानों पर मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। मेडिकल कैंप्स पर ओआरएस एवं अन्य जरूरी दवाओं के साथ चिकित्सक मौजूद रहेंगे। महाशिवरात्रि की भीड़ को संभालने के लिए 55 जगह बैरियर लगाए जाएंगे। काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र को 13 सेक्टर में बांटा गया है। यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए 08 ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 24 ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर, 164 हेड कांस्टेबल और 300 होमगार्ड लगाए गए हैं।
इस बार महाकुंभ से लौटे नागा संन्यासी और साधु संत भी दर्शन करेंगे। उन्हें सुबह गेट नंबर 4 से एंट्री दी जाएगी। साधु-संन्यासियों के प्रवेश के समय गेट नंबर 4 से दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। साधु संतों को सी गेट से गर्भगृह के उत्तरी और पूर्वी द्वार से दर्शन-पूजन करवाने के बाद पश्चिमी गेट से अन्नपूर्णा मंदिर लाया जाएगा। गोदौलिया से मैदागिन नो व्हीकल जोन रहेगा। बैरिकेडिंग छोड़कर बाहर न निकलें।