ISRO: इसरो ने लैंडिंग एक्सपेरिमेंट के साथ रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी में बड़ी कामयाबी हासिल

ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि उसने ‘आरएलवी एलईएक्स-02’ एक्सपेरिमेंट के माध्यम से रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी में बड़ी कामयाबी हासिल की।

ये टेस्ट कर्नाटक के चित्रदुर्ग में मौजूद एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में सुबह सात बजकर 10 मिनट पर किया गया, ये सीरीज का दूसरा टेस्ट है, अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में बताया कि पिछले साल किए गए आरएलवी-एलईएक्स-वन मिशन के बाद आरएलवी-एलईएक्स-टू ने हेलीकॉप्टर से छोड़े जाने के बाद रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (आरएलवी) की ऑटोनॉमस लैंडिंग कैपेसिटी का प्रदर्शन किया।

इसरो ने बताया कि भारतीय वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर पंखों वाले पुष्पक नामक इस यान को ऊपर लेकर गया और इसे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। रनवे से चार किलोमीटर की दूरी पर ‘पुष्पक’ ऑटोमैटिक तरीके से ‘क्रॉस-रेंज’ सुधार करते हुए रनवे पर पहुंचा। ये सटीक तरीके से रनवे पर उतरा और अपने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके रुक गया।

इसमें कहा गया है कि इस मिशन ने अंतरिक्ष से लौटने वाले आरएलवी की लैंडिंग के लिए अप्रोच और हाई स्पीड को सफलतापूर्वक कंट्रोल करने का पालन किया है।

 

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