Jaipur: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक छोटी पहाड़ी पर प्राचीन गढ़ गणेश मंदिर की मूर्ति अनूठी है। इसे 18वीं सदी में सवाई जय सिंह सेकेंड ने बनवाया था। इस मंदिर में भगवान गणेश के बचपन की मूर्ति है, जिसमें उनकी सूंड नहीं है, यह मंदिर 500 मीटर ऊंची पहाड़ी पर है, यहां पहुंचने के लिए 365 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, ये सीढ़ियां साल के 365 दिन का प्रतीक हैं।
मान्यता है कि मंदिर की मूर्ति ऐसे कोण पर बनी है कि ये पूरे जयपुर शहर को देखती है और उसकी रक्षा करती है। महंत प्रदीप औदिच्य, पुजारी “आज इस मंदिर को बने करीबन चार सौ- साढ़े चार सौ साल हो गए। इस मंदिर अंदर जो विराजमान भगवान गणपति का स्वरूप है, वो बाल रूप गणपति है, जो पार्वती जी ने द्वार पर बैठाया था, उस समय का स्वरूप भगवान गणपति का यहां पर विराजमान है। और उसी विग्रह का पूजन होता है।”
“कोई भी भक्त श्रद्धा से, विश्वास से यहां पर अपनी कामना लेके आते हैं, उनकी भगवान गणपति भावना पूरी करता है, इच्छा पूरी करता है। उनकी मनोकामनाएं सिद्ध करता है और उनको भगवान गणपति दर्शन देते हैं। इस प्रकार यह उत्सव बहुत आनंद पूर्वक मनाया जाता है। इसमें देश-विदेश, पूरे भारत के भक्त लोग दर्शन करने आते हैं।”