Jaipur: राजस्थान में जयपुर के ऐमन खान ने अपने भाई के साथ मिलकर पराली जैसे खेती के अवशेषों से कागज बनाने का तरीका खोजा है, भाई-बहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहे हैं, पराली जलाना वायु प्रदूषण की मुख्य वजहों में एक है।
ऐमन धान के अवशेष जमा करती हैं, घोल तैयार करने के लिए उनसे सेल्यूलोज निकालती हैं। फिर फ्रेम करके घोल से कागज बनाती हैं, आंकड़ों के मुताबिक धान की कटाई के बाद पूरे देश में करीब दो करोड़ टन पराली जलाई जाती है, भाई-बहनों की खोज पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने में महत्वपूर्ण हो सकती है।
ऐमन खान ने बताया कि “यह समस्या नजर आती थी कि पराली बहुत बड़ा प्रॉब्लेम है। समाज के लिए और सब चीजों पे। तो मैंने इसका भाई से शेयर किया। वो बायोटेक का टेक्नोलॉजी में पढ़ाई कर रहा था। तो वो बोला कि ठीक है मैं इसका कुछ सॉल्यूशन ढूढ़ता हूं। एंड देन उसने रिसर्च करी। रिसर्च के बाद उसने देखा कि इससे बहुत कुछ बनाया जा सकता है। पेपर्स, बोर्ड्स, फैब्रिक और रीगल लेदर – बहुत सारी चीजें बनाई जा सकती हैं। तो इसलिए सबसे पहले हमने मिलकर पेपर बनाया।”
उन्होंने कहा कि “इंडस्ट्रीज में बहुत सारा इसका यूज किया जा सकता है। पैकेजिंग में और बाकी पॉल्यूशन को ये। मतलब पॉल्यूशन बहुत बड़ी प्रॉब्लेमम है। तो उसको कम करने के लिए बहुत जरूरी है। और किसानों के लिए भी बहुत ज्यादा इसमें सहायता होगी। फैमिली और बाकी सबका इसमें बहुत सपोर्ट मिल रहा है। अभी हमारे पास ये प्रोडक्ट है। पेपर।”