Ujjain: उज्जैन के महाकाल मंदिर की प्रबंध समिति ने गुरुवार को महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बैठक की। पिछले ढाई महीने से बंद गर्भगृह को खोलने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। हालांकि गर्भ गृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया गया।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है, जिसके तहत महिलाओं के लिए साड़ी और पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता है. जिसके बाद सभी ने इस फैसले का स्वागत किया है। महाकाल मंदिर की प्रबंध समिति ने ये फैसला भी लिया कि हर मंगलवार को भस्म आरती के लिए 300 से 400 उज्जैन निवासियों को मुफ्त प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। मंदिर का गर्भ गृह कब खोला जाएगा, इस पर फैसला एक हफ्ते में लिए जाने की संभावना है।
उज्जैन के जिलाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि “गर्भगृह की अपनी गरिमा होती है, अपनी पवित्रता है। इसलिए निर्णय लिया गया कि गर्भ गृह में प्रवेश जब भी खुलेगा हाल-फिलहाल के दिनों में, तो उसके लिए ड्रेस कोड होगा। ये ड्रेस कोड बाकी मंदिर के लिए नहीं होगा बल्कि गर्भ गृह में प्रवेश के लिए होगा और वो धोती-कुर्ता जो भारतीय परिधान हैं, और साड़ी महिलाओं के लिए, छोटे बच्चों के लिए छूट रहेगी, 10 साल से छोटी बालिका है तो उसके लिए छूट रहेगी।”
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तो श्रद्धालुओं ने कहा कि “जब भी गर्भ गृह में प्रवेश चालू किया जाए, नियम अनुसार कार्रवाई करते हुए चालू होगा। महिलाओं को साड़ी पहननी होगी जेंट्स को धोती पहननी होगी, सिला हुआ वस्त्र पूरी तरह से वर्जित रखनी चाहिए मंदिर को, जो अधिकतर लोग सिली हुई धोतियां, रेडीमेड साड़ियां पहनकर आते हैं, उन पर मंदिर प्रशासन को नियम अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।”
इसके साथ ही महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया कि “मंदिर प्रशासन ने जो निर्णय लिया है, उचित निर्णय लिया है और डेस कोड के अलावा अपना शरीर ढकना भी जरूरी है।”