Navratri: चैत्र नवरात्रि का आज चौथा दिन है, चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। जिनकी साधना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और मानोकामनाएं पूरी होती हैं।
देवी कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं और उन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से जाना जाता है। उनके हाथों में कमण्डलु, धनुष, बाण, कमल पुष्प, अमृत पूर्ण कलश, चक्र और गदा सुशोभित है, इसके साथ ही उनका वाहन सिंह है।
आज दिन की शुरुआत मां कूष्मांडा के स्मरण के साथ करें, साथ ही उनके बीज मंत्र का जाप और आराधना करें..
मां कुष्मांडा के मंत्र
सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे।
देवी कूष्माण्डायै नमः ।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमों नम:।।