Gujarat: पुरातत्व वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने गुजरात के कच्छ जिले के खटिया गांव के बाहरी इलाके में सदियों पुरानी हड़प्पा बस्ती के अवशेषों का पता लगाया है। खुदाई का काम केरल विश्वविद्यालय की टीम भुज में क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्ण वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कर रही थी। खुदाई के दौरान हड़प्पा काल के मिट्टी के बर्तन, कलाकृतियां, जानवरों की हड्डियां और कुछ कीमती पत्थरों की खोज की गई।
वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस हड़प्पा सभ्यता की बस्ती का उन्हें पता चला है वो तकरीबन 5700 साल से ज्यादा पुरानी है। पृथ्वी और पर्यावरण विज्ञान विभाग प्रमुख डॉ. सुभाष भंडारी ने बताया कि “हम खटिया में पहले से ही एक्सकैवेशन कर रहे थे। अभी उसके ही कंटेस्ट में सबसे ज्यादा जरुरी ये था कि ये लोग वहां पर जो हमें नेक्रोपोलिस मिला है। जो की हमें ग्रेव्स का पूरा मिले हैं। वो लोग रहते कहां के हैं, जो एक मेजर क्वेश्चन था और उसी के लिए हम आगे ढूंढ रहे थे कि ये यहां पर, कहां पर रहते थे तो इसी के संदर्भ में हमको परदा पेट के पास में, परदा पेट के वहां पर एक जगह मिली जहां पर हमें सेटलमेंट मिला है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “अभी यहां पर जब हमने एक्सकैवेशन किया तो हमें छोटे बड़े स्ट्रक्चर, राउंड स्ट्रक्चर औऱ टेंगल स्ट्रक्चर मिले हैं। जहां पर लोग रहते थे, उसके साथ में हमको बहुत सारे पॉटरीज भी मिले हैं। पॉटरीज में भी हमको बड़े पॉट्स और स्मॉल पॉट्स औऱ डिशेज ऐसे सब भी ऐसे मिले है और साथ में हमको सेमी प्रेशियस स्टोन भी मिले हैं। जैसे कार्नेलियन और अगेट स्टोनस हैं। साथ में शैल फ्रेगमेंट्स भी मिले हैं।”