Rajasthan: राजस्थान के भरतपुर जिले में केवलादेव बर्ड सैंक्चुअरी इन दिनों प्रवासी चिड़ियों से गुलजार है। ये चिड़ियां साइबेरिया, चीन, मंगोलिया और दुनिया के कई दूसरे हिस्सों से आई हैं। केवलादेव बर्ड सैंक्चुअरी राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा पर है। यहां हिमालय और ट्रांस-हिमालय इलाकों की चिड़ियां भी देखने को मिल रही हैं।
डीएफओ का कहना है कि “यहां पर माइग्रेटरी अभी सीजन चल रहा है। दिसंबर-जनवरी से ही ये पीक सीजन है, माइग्रेटरी बर्ड आते हैं यहां पर। यहां पर टोटल स्पेसीज हैं, वो 375 स्पेसीज हैं। इसके साथ ही गाइड ने बताया कि “अभी यह सीजन पक्षियों का पीक सीजन कहा जाता है। दिसंबर-जनवरी-फरवरी। तो हमारे पास इस समय हजार से ज्यादा बीटेड स्टॉर्क हैं। 500 से ऊपर बार्क गीज और भी गीज हैं। हजारों की संख्या में हमारे पास यूनीशल कूट हैं जो सारे हमारे ट्रांस हिमालयन, हिमालयन, सेंट्रल एशियन, मंगोलियन रीजन से और सारे रीजन से यहां पर आए हैं। हमारे पास सायरस क्रेन हैं। 15 ऐसे सायरस क्रेन हैं, जो यहां पर टूरिस्ट को बहुत अच्छी तरीके से देखने को मिल रहे हैं।”
अधिकारियों ने बताया कि पार्क में सैलानियों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं, मान्यता प्राप्त गाइड की संख्या भी बढ़ाई गई है। इन दिनों रिजर्व में कई वर्कशॉप आयोजित हो रहे हैं। उनमें छात्र-छात्राएं और प्रकृति प्रेमी हिस्सा ले रहे हैं। वर्कशॉप का मकसद चिड़ियों और ईकोसिस्टम को बनाए रखने में उनके योगदान की जानकारी देना है।