Rajasthan: अपनी भैंस को पुचकारती हुई, गोबर साफ करती हुई, धूप में अनाज सुखाती हुई और अपने पोते की देखभाल करती हुई। ये काम हर दादी करती है। फर्क सिर्फ इतना है कि पानी देवी की उम्र 93 साल है। ये दादी एक और वजह से बेहद खास है।
राजस्थान में बीकानेर की रहने वाली पानी देवी ने हाल में बेंगलुरू में हुई नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने डिस्कस थ्रो, शॉट पुट और 100 मीटर की दौड़ में हिस्सा लिया और तीनों प्रतिस्पर्धाओं में पहले नंबर पर रहीं।
हैरानी की बात नहीं कि दादी ना सिर्फ अपने परिवार, बल्कि अड़ोस-पड़ोस के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं। सवाल है कि इस उम्र में इतनी ऊर्जा का सुराग क्या है? जवाब है, अनुशासित जीवन, स्वस्थ भोजन और जंक फूड से दूरी। 93 साल की पानी देवी ने साबित कर दिया है कि सपने उम्र के मोहताज नहीं होते।
पानी देवी के पोते ने कहा, “इस चीज की बहुत ज्यादा खुशी है क्योंकि पूरे राजस्थान का और बीकानेर जिले का गांव का नाम रोशन हुआ है हमारे, और 45 नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दादी ने तीन गोल्ड मेडल के साथ हैट्रिक पर और अभी दादी भारत की सबसे ज्यादा उम्र दराज खिलाड़ी की गिनती में आती हैं।”
“आज की युवा पीढी़ को मैं यही कहूंगा कि नशे से दूर रहें और दादी की तरह आप भी गोल्ड मेडल या देश का नाम रोशन करें। हमें बहुत खुशी है कि हमारी दादी आज गोल्ड मेडल लेकर आई है तीन और हम यही प्रेरणा करते हैं कि आगे भी गोल्ड मेडल लेकर आए।”
दादी के पड़ोसी ने भी खुशी ज़ाहिर करते हऐ कहा, “दादी जी के बारे में मेरे को बहुत ज्यादा खुशी है और यहां राजस्थान को भी बीकानेर जिले को भी और देश को भी। ये गर्व के समय की इस उम्र अंदर 93 साल की आयु में एक बुजुर्ग महिला जो इस प्रकार देश के लिए मेडल जीतना ये बहुत बड़ी बात है। 93 साल की उम्र में तो लोग खड़े नहीं हो पाते हैं बीमारी की जूझ में अंतिम आयु होती है। तो दादी जी को देखकर मुझे बहुत हर्ष हो रहा है के दादी ने शॉट पुट में, तश्तरी में, दौड़ में गोल्ड मेडल जीतना ये हमारे सबके लिए गर्व का क्षण है।”