Rajasthan: ड्राइवर “यहां पर जो परिवहन मंत्रालय और केंद्र से जो काला कानून बनाया गया है ड्राइवरों के खिलाफ, कोई भी एक्सीडेंट हो जाता है, तो उसमें ड्राइवरों के ऊपर सारी जिम्मेदारी रख दी है और ड्राइवर के ऊपर आठ लाख, सात लाख जुर्माना भी है, पूरी जिंदगी ड्राइवर कमाता है तो भी वो सात लाख रुपये इकट्ठा नहीं कर पाता। ये सात हजार, आठ हजार हर महीने कमाने वाला बताओ कहां से सात लाख रुपये जुर्माना भरेगा।”
नये कानून में ‘हिट एंड रन’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के विरोध में सोमवार को राजस्थान में कई इलाकों में ट्रक और निजी बस ड्राइवर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन और चक्का जाम का असर रोडवेज बस संचालन पर पड़ा। हालांकि पुलिस की दखल के बाद बसें फिर चलने लगीं।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रवक्ता आशुतोष अवाना ने कहा कि प्रदर्शन के चलते धौलपुर-करौली मार्ग, उदयपुर- नाथद्वारा मार्ग, सवाई माधोपुर-कोटा लालसोट मार्ग, भीलवाड़ा – अजमेर मार्ग और अनूपगढ़ – गंगानगर मार्ग पर चक्काजाम था। वहां रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित हुआ लेकिन पुलिस की दखल के ये फिर से शुरू हो गया, उन्होंने कहा कि ‘ट्रांसपोर्टर’ के विरोध से रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित नहीं होगा।
भारतीय न्याय संहिता में ऐसे ड्राइवरों के लिए 10 साल तक की सजा और सात लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, प्रदर्शनकारी ड्राइवरों का कहना है कि जुर्माना अनुचित है।