नमिता बिष्ट
उत्तराखंड के 10 पर्वतीय जिलों में निर्भया फंड से महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक-एक हॉस्टल बनाया जाएगा। इस सुझाव को बोर्ड ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी। अब जल्द ही केंद्रीय मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बोर्ड ने सुझाव को दे दी सैद्धांतिक स्वीकृति
बता दें कि केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदीवर पांडे की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में हुई बोर्ड की बैठक में विभिन्न राज्यों की ओर से निर्भया फंड के अंतर्गत हुए कार्यों के साथ ही उनके प्रस्तावों के संबंध में चर्चा हुई। इस बैठक में उत्तराखंड से सचिव एचसी सेमवाल ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस सुझाव को बोर्ड ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी। अब जल्द ही केंद्रीय मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
50-50 की क्षमता के बनेंगे हॉस्टल
हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जिलों को छोड़ राज्य के शेष 10 पर्वतीय जिलों में कामकाजी महिलाओं और पढ़ाई करने वाली बालिकाओं के लिए 50-50 की क्षमता वाले हॉस्टल निर्माण का सुझाव दिया गया। इस पर बोर्ड की ओर से कहा गया कि इस बारे में उत्तराखंड से आने वाले प्रस्ताव पर तत्काल विचार कर स्वीकृति दी जाएगी।
महिलाओं व बालिकाओं को आत्मरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया
राज्य के पांच जिलों बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमिसंहनगर में निर्भया फंड से 2522 महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बोर्ड ने इस प्रयास की सराहना की। साथ ही राज्य के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने पर जोर देते हुए कहा गया कि इसके लिए फंड की कोई कमी नहीं है।