नमिता बिष्ट
उत्तराखंड में डेंगू के बाद अब एक और जानलेवा बीमारी स्क्रब टाइफस ने दस्तक दे दी है। हरिद्वार में स्क्रब टाइफस के मामले भी सामने आने लगे हैं। जिला अस्पताल में स्क्रब टाइफस के छह मरीज भर्ती किए गए। जिनमें से तीन मरीजों की तबीयत में सुधार होने के बाद उनको छुटटी दे दी गयी। जबकि तीन मरीज अभी भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
इस सीजन का पहला मामला
बता दें कि इस सीजन में यह पहला मामला है जब स्क्रब टाइफस के मामले सामने आए हैं। डॉक्टरों की राय मानें तो जरूरी बचाव कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। लक्षणों का पता चलते ही चिकित्सकीय सलाह लेना बहुत जरूरी है।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टाइफस के लक्षणों में मरीज को तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में अकड़न और शरीर में टूटन बनी रहती है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. चंदन मिश्रा ने बताया कि बीमारी के लक्षण नजर आने पर तत्काल अस्पताल में जाकर जांच कराएं।
शरीर में ऐसे फैलता है स्क्रब टाइफस
स्क्रब टाइफस आमतौर पर उन लोगों को होता है जो झाड़ियों वाले क्षेत्रों के आसपास रहते हैं। इस रोग का कारण बनने वाला बैक्टीरिया एक प्रकार के छोटे कीड़े के काटने से मनुष्य के शरीर पहुंचता है।
स्क्रब टाइफस से ऐसे करें बचाव
स्क्रब टाइफस की रोकथाम के लिए कुछ सामान्य उपाए किए जाते हैं। जैसे घर से बाहर जाते समय जूते और पूरे बाजू वाली शर्ट पहनना। यह बीमारी ज्यादातर बच्चों को प्रभावित करती है इसलिए जितना संभव हो सके बच्चों को मिट्टी या फिर घास या पेड़ पौधे के पास न जाने दें।
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