देवभूमि में जंगली-जानवरों का आतंक, गढ़वाल क्षेत्र में भालू के हमले में चार घायल, एक की हालत गंभीर

नमिता बिष्ट 

देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जंगली- जानवरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन किसी ना किसी पर ये जंगली जानवर हमला कर घायल कर रहे हैं या फिर अपना शिकार बना रहे हैं। जिससे लोगों में दशहत बनी हुई है। वहीं अब गढ़वाल मंडल के अलग-अलग स्थानों पर भालू के हमले में दो महिलाओं समेत चार लोग घायल हो गए। जिसमें एक की हालात गंभीर बनी हुई है।

पहली घटना—- मसरी गांव के बुजुर्ग पर भालू का हमला

भालू के हमले की पहली घटना गोविंद वन्यजीव विहार के सुदूरवर्ती फतेह पर्वत के मसरी गांव की है। यहां रविवार की देर शाम को सेब के बागीचे में पेड़ों के थाले बना रहे एक बुजुर्ग पर भालू ने हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। साथ में काम कर रहे परिवार के अन्य सदस्यों ने किसी तरह भालू को भगाया। घायल को प्राथमिक उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी लगाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें दून अस्पताल रेफर किया गया ।

दूसरी घटना—-घास लेने गई महिलाओं पर भालू का हमला

रुद्रप्रयाग में जखोली ब्लाक के भटवाड़ी गांव के पास ही घास लेने गई महिलाओं पर भालू ने हमला कर दिया। इस घटना में दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। आसपास घास काट रही अन्य महिलाएं ने शोर-शराबा करने के बाद भालू जंगल की ओर भाग गया। दोनों महिलाओं को ग्रामीणों के सहयोग से जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।

तीसरी घटना—-जंगल गए एक नेपाली मूल के व्यक्ति पर हमला

पौड़ी के तहसील सतपुली के अंतर्गत ग्राम चौमासूगाड में भालू ने घास लेने जंगल गए एक नेपाली मूल के व्यक्ति पर हमला कर दिया। आसपास मौजूद ग्रामीणों के चिल्लाने के बाद भालू मौके से भाग गया। हमले में घायल व्यक्ति को सतपुली हंस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चौथी घटना—–दिन में गुलदार दिखने पर क्षेत्रवासियों में दहशत

वहीं चमोली जिले के कर्णप्रयाग और सिमली के बदरीनाथ एवं केदारनाथ वन प्रभाग जंगलों में गुलदार के दिन-दहाड़े दिखने से क्षेत्रवासी सहमे हैं। दरअसल बीते पखवाड़ेभर से सिमली, मज्याडी, राड़खी सहित, नाकोट, डिम्मर क्षेत्र में गुलदार ने पशुओं को मारने की घटनाएं सामने आ रही है,लेकिन सोमवार की सुबह जब सिमली सहित ग्रामीण क्षेत्र की आबादी से लगी सीमा में गुलदार नजर आया तो जनप्रतिनिधियों ने इसकी सूचना केदारनाथ एवं बदरीनाथ वन प्रभाग को दी। जिसपर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को सजग रहने के साथ सही सूचना समय पर देने के लिए प्रेरित किया।

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