चारधाम यात्रा के दौरान नहीं कर पाएंगे व्लॉगिंग और फोटोग्राफी, ड्रेस कोड भी हो सकता है लागू

अगर आप यूट्यूबर हैं या फिर मोबाइल से चारधाम यात्रा के दौरान अपनी तस्वीरें या वीडियो बनाकर सोशल मीडिया अपलोड करना चाहते हैं तो इस बार आप ऐसा नहीं पाएंगे। चारों धामों में पूरी तरह से मोबाइल और कैमरा प्रतिबंधित किया जाने पर चर्चा चल रही है। जिसके बाद विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर में दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं के लिए कुछ गाइडलाइन जारी हो सकती हैं।

बदरी-केदार मंदिर समिति ने किया कई मंदिरों का भ्रमण

दरअसल, बदरी-केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों नेदेश के बड़े धार्मिक स्थलों- वैष्णो देवी मंदिर, तिरुपति बालाजी, सोमनाथ मंदिर और महाकालेश्वर मंदिर सहित कई मंदिरों का दौरा किया था। मंदिर समिति यह जानने की कोशिश कर रही थी कि देश के तमाम बड़े मंदिरों में किस तरह की व्यवस्था है और कैसे वहां की मंदिर समिति अपने कामकाज का संचालन करती है।

मोबाइल और कैमरा पर होगा बैन

देश के इन 4 बड़े व प्रसिद्ध मंदिरों से अनुभव लेकर लौटी बदरी-केदार मंदिर समिति की टीम ने सबसे पहला प्रस्ताव चारों धामों में पूरी तरह से मोबाइल और कैमरा प्रतिबंधित किया जाने का दिया है। गौरतलब हो कि यूट्यूब और रील्स के बढ़ते चलन के बाद पिछली चारधाम यात्रा के दौरान कई ब्लॉगर और यूट्यूबर केदारनाथ मंदिर परिसर से तरह-तरह के वीडियो और रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे थे, जिसके बाद इसका काफी विरोध भी हुआ था। ऐसे में मंदिर समिति चारों धामों में मोबाइल और कैमरे पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा सकती है।

दान दक्षिणा नहीं ले पाएंगे पुजारी

इसके साथ ही चारों धामों में देश के बड़े चार धार्मिक स्थलों की तरह ही कोई भी पुजारी सीधे दान दक्षिणा नहीं ले पाएगा। मंदिर समिति आने वाले समय में इस तरह की व्यवस्था भी करने जा रही है।

ड्रेस कोड भी हो सकता हैलागू

मंदिर समिति ने यह भी तय किया है कि मंदिरों में बैठने वाले आचार्य और पुजारियों का भी एक जैसा ड्रेस कोड होगा। मौजूदा समय में पुजारी अलग अलग तरीके के कपड़े पहनकर मंदिरों में पूजा पाठ करवाते हैं। खास बात यह है कि हो सकता है कि मंदिर में आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड भी लागू हो जाए। हालांकि अभी इस पर सिर्फ चर्चा हुई है, कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं मंदिर समिति चाहती है कि श्रद्धालुओं से ड्रेस कोड का पालन तब ही करवाया जा सकता है जब खुद मंदिर के पुजारी और आचार्य एक जैसी ड्रेस में मंदिरों में बैठे होंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *