नमिता बिष्ट
रोमांच के शौकीनों की दुनिया उत्तरकाशी के गंगोत्री हिमालय में बसती है। यहां की 40 से अधिक चोटियां विश्वभर में विख्यात हैं। इन चोटियों को पर्वतारोही एवरेस्ट फतेह करने वाली सीढ़ियां मानते हैं। दुनिया के ज्यादातर प्रख्यात पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट की चढ़ाई का प्रशिक्षण इन्हीं चोटियों पर लिया है। खासतौर पर देशी-विदेशी पर्वतारोही और ट्रैकरों का सबसे प्रमुख और पसंदीदा ट्रैक गंगोत्री से लेकर तपोवन तक है। तपोवन जाने के लिए गंगोत्री से 19 किलोमीटर गोमुख और गोमुख से 5 किलोमीटर ग्लेशियर के ऊपर से तपोवन पहुंचा जाता है। इसके लिए अनुमति गंगोत्री धाम में स्थित पार्क के कार्यालय से मिलती है। यहां हर दिन 30 से 40 पर्यटक जा रहे हैं।
देश विदेश से पहुंच रहे हैं सैलानी
गंगोत्री हिमालय की वादियां इन दिनों देश-विदेश के पर्वतारोहियों और ट्रैकरों की चहल-कदमी से गुलजार हैं। इन दिनों छह पर्वतारोही दल गंगोत्री हिमालय की गगन चूमती चोटियों के आरोहण अभियान में जुटे हैं। बता दें कि गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट बीते एक अप्रैल को सैलानियों और पर्वतारोहियों के लिए खोल दिए गए थे, जिसके बाद पर्यटकों और सैलानियों की चहल-कदमी निरंतर जारी है। इसी सीजन में अभी तक करीब दस हजार भारतीय पर्यटक पहुंचे हैं और 300 विदेशी सैलानी पहुंच चुके हैं।
15 नवंबर तक कर सकते हैं पार्क की सैर
इन दिनों गंगोत्री हिमालय की चोटियों पर कई पर्वतारोही दल हैं, जिसमें 6543 मीटर ऊंची शिवलिंग के आरोहण के लिए दो विदेशी पर्वतारोहियों के दल आरोहण कर रहे हैं, जिनमें दो महिला सहित 8 पर्वतारोही स्विट्जरलैंड के हैं, जबकि, दूसरे दल में तीन पर्वतारोही जर्मनी के हैं। वहीं 6830 मीटर ऊंचे केदारडोम चोटी पर जापान की एक महिला सहित दो पर्वतारोही आरोहण कर रहे हैं। 7075 मीटर ऊंची सतोपंथ चोटी के आरोहण के लिया 8 भारतीय पर्वतारोहियों का दल गया है। 6984 मीटर ऊंचे थलै सागर चोटी के आरोहण के लिए सशस्त्र सीमा बल का दस सदस्यीय दल आरोहण कर रहा है। जबकि रक्तवन क्षेत्र में दो अनाम चोटियों के आरोहण के लिए संयुक्त अन्वेषण अभियान का सात सदस्यीय दल आरोहण कर रहा है। बता दें कि गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट एक अप्रैल से लेकर 15 नवंबर तक खुले रहते हैं।