Uttarakhand Chunav: विवादों के बीच कांग्रेस की पराक्रम यात्रा, क्या है जनरल रावत के नाम पर सियासत?

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देहरादून. कांग्रेस ने उत्तराखंड चुनाव अभियान के अपने सिलसिले में ‘वीर ग्राम पराक्रम यात्रा’ का ऐलान शुक्रवार को करते हुए बताया कि यह यात्रा पौड़ी गढ़वाल के गांव से शुरू की जाएगी. उत्तराखंड के सैनिकों के योगदान को सराहने और याद करने के आइडिया पर केंद्रित होकर इस यात्रा को खास ढंग से शुरू किया जा रहा है. पिछले दिनों एक हवाई हादसे में दिवंगत हुए पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव से कांग्रेस इस यात्रा का आगाज़ करने जा रही है तो इसके पीछे उसकी खास रणनीति साफ दिख रही है. हालांकि बीते गुरुवार को हुई राहुल गांधी की रैली में जनरल रावत के कटआउट लगने से राजनीतिक विवाद काफी सुर्खियों में है.

कांग्रेस ने कट आउट विवाद को दरकिनार करते हुए अपनी इस चुनावी यात्रा का ऐलान कर दिया है और यह भी बताया है कि जनरल रावत के पैतृक गांव सैंण से इस यात्रा का शुभारंभ होगा. कांग्रेस के चुनाव अभियान प्रमुख हरीश रावत ने न्यूज़18 के साथ खास बातचीत में कहा कि यह यात्रा 20 या 21 दिसंबर से शुरू होगी, जब जनरल रावत के लिए शोक की औपचारिक अवधि पूरी हो जाएगी. कांग्रेस ने अपनी इस यात्रा में उत्तराखंड के ज़्यादा से ज़्यादा गांवों में पहुंचने का लक्ष्य रखा है यानी कुल करीब 17,000 गांवों में से कांग्रेस इस यात्रा को हज़ारों गांवों तक पहुंचाने की आस में है.

बीजेपी ने कहा, जनरल के नाम पर न करें सियासत
उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के इस ऐलान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनरल रावत के नाम को राजनीतिक लाभ के लिए कांग्रेस भुनाने की फिराक में है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस नेता सेना का अपमान कर चुके हैं और जनरल रावत को ‘गुंडा’ तक कह चुके हैं. धामी ने कहा, ‘अब ये लोग उनके पैतृक गांव में यात्रा निकालने जा रहे हैं, लोग सब समझते हैं कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं.’

कांग्रेस ने ऐसे दिया भाजपा को जवाब
चुनाव में कांग्रेस के पोस्टर चेहरे के तौर पर उभरे हरीश रावत ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जनरल रावत उत्तराखंड के गौरव रहे हैं. किसी पार्टी को हमसे ‘असुरक्षा’ क्यों महसूस हो रही है? उन्होंने कहा, ‘कोई पार्टी या व्यक्ति हमसे जनरल रावत को याद करने का हक छीन नहीं सकती. जिन लोगों ने महात्मा गांधी को गालियां दीं, कांग्रेस ने कभी उनसे गांधी की याद या तारीफ करने का हक नहीं छीना.’

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