Uttarakhand: वन अग्नि की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री धामी ने बड़ा एक्शन लिया है, सुलगते जंगलों के मध्य नजर सीएम के कड़े निर्देश जारी किए। वनअग्नि के दौरान कार्यों में कोताही बरतने वाले 17 अधिकारी चिन्हित किए गए, चिन्हित अधिकारियों के सस्पेंशन ऑर्डर तैयार हुए।
मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में वनाग्नि की रोकथाम, चार धाम यात्रा और मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन की तैयारी के संबंध में समीक्षा बैठक हुई. बैठक के दौरान फायर स्टेशनों पर वनाग्नि की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने और इसकी तत्काल सूचना DFO, CCF, PCCF के कंट्रोल रूम में दिए जाने की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित सभी वन अधिकारियों को फील्ड में काम करने के आदेश दिए हैं, उन्होंने कहा कि वनाग्नि से निपटने के लिए सभी प्रयास किया जा रहे हैं सरकार सभी चीजों को मॉनिटरिंग कर रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने यह भी बताया कि जिन अधिकारियों ने वन अग्नि के दौरान अपने कार्यों में कोताही बरती है उनको चिन्हित कर लिया गया है और उनके सस्पेंशन ऑर्डर तैयार किया जा रहे हैं।
जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल को एकत्रित करने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन को शुरू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए, साथ ही मानसून सीजन के दृष्टिगत कम से कम रिस्पॉन्स टाइम के साथ राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने और इस अवधि में सड़क, बिजली एवं पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खाद्य सामग्री, दवाओं एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण व्यवस्था अभी से सुनिश्चित की जाएगी। चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित करने के तहत अधिकारियों को यात्रा की साप्ताहिक समीक्षा करने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने के निर्देश दिए। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक एवं अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था की जाएगी जिससे यहां आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश लेकर जाएगा।