शुभम गंभीर
काशीपुर। काशीपुर के कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर में खनन माफिया को पकड़ने आई यूपी पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई फायरिंग में जसपुर ब्लाक के ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की गोली लगने से मौत हो गई। वहीं, यूपी पुलिस के SHO समेत 5 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। महिला की मौत के बाद इलाके में बवाल हो गया। हजारों लोगों ने जमकर हंगामा किया और हाईवे जाम कर दिया। इस मामले में पुलिस और पीड़ित परिवार दोनों के अलग अलग दावे हैं।
घटना की फॉरेंसिक जांच
यूपी पुलिस ने कहा है कि महिला की मौत उनकी गोली से नहीं हुई है। इस पर डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि इसकी पूरी जांच की जा रही है। जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। डीआईजी ने कहा कि हमारी फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है कि महिला को लगी गोली किसकी थी। उन्होंने कहा कि डॉग स्क्वायड भी घटनास्थल पर लाया गया है। पुलिस पूरी जांच कर रही है। हम यूपी पुलिस के लगातार संपर्क में हैं।
यूपी पुलिस को था जानकारी लीक होने का डर
जानकारी के मुताबिक, स्थानीय पुलिस को यूपी पुलिस की कार्रवाई करने की सूचना नहीं मिली थी। माना जा रहा है कि यूपी पुलिस पूरे मामले में गुप्त तरीके से कार्रवाई करना चाह रही थी। बताया जा रहा है कि खनन माफिया जफर बहुत ही शातिर है। यूपी पुलिस के रेड के दौरान वो अक्सर उत्तराखंड की सीमा में घुस जाया करता था। वहीं यूपी पुलिस को डर था कि अगर उन्होंने रेड की जानकारी उत्तराखंड पुलिस को दी तो जानकारी लीक हो सकती है। बता दें कि घटना के करीब 10 मिनट बाद स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी हुई। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड पुलिस ने मुरादाबाद पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
घटना की जांच जारी
इस मामले में कुमाऊं डीआईजी का कहना है कि यूपी पुलिस बिना बताए दबिश देने आई थी। मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच जारी है। उधर, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि ऊधमसिंह नगर पुलिस को गंभीरता से जांच के निर्देश दिए हैं। पहले गोली किसने चलाई, यह भी जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।