विंटर लाइन के अद्भुत नजारे को देखने के लिए मसूरी खिंचे चले आते हैं पर्यटक, जानिए इसकी खास वजह

नमिता बिष्ट

उत्तराखंड में हर साल की तरह इस बार भी आगामी 26 से 30 दिसंबर तक मसूरी विंटरलाइन कार्निवाल शुरू होगा। जिसकी तैयारियां जोरों से चल रही है। कुदरत के इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए पर्यटक मसूरी हिल स्टेशन पहुंचने लगे हैं। दरअसल कुदरत ने पहाड़ों की रानी मसूरी को कई खूबसूरत नजारे दिए हैं। इन्हीं में से एक है विंटर लाइन। इसे देखकर जो अनुभव होता है। उसे बयां कर पाना बहुत मुश्किल है। कुदरत के इस अदभुत नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक मसूरी खिंचे चले आते हैं। तो चलिए जानते है इसके बारे में

शिवालिक पहाड़ियों से परे विंटर लाइन
विंटर लाइन एक अद्भुत घटना है। जो सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में दिखाई देता है। बता दें कि आसमान में एक रंग उभरता है, जो हर किसी का मन मोह लेता है। लाल और नारंगी लाइन के तौर पर दिखने वाले कुदरत के इस जादू को देखने के लिए देश विदेश से पर्यटक मसूरी पहुंचते है।

रोमांचित हो जाते हैं पर्यटक
पहाड़ों में चलने वाली ठंडी हवाओं के बीच देवदार के ऊंचे पेड़ और पर्वतों के बीच छुपते सूरज का कुदरती सौंदर्य बहुत ही ज्यादा आकर्षक लगता है। विंटर लाइन को देखकर पर्यटक रोमांचित हो जाते है। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है जब धूल के कण, नमी, और धुंध, नीचे के मैदानी इलाकों से उठते हुए, ठंडी पहाड़ी हवा और एक से मिलते हैं ‘दूसरा क्षितिज’ बनता है।

नवंबर से फरवरी के बीच अद्भुत नजारा
मसूरी में विंटर लाइन नवंबर से फरवरी के बीच दिखाई देती है। स्थानीय मसूरी विंटरलाइन कार्निवल का नाम इस घटना के नाम पर रखा गया है। आमतौर पर स्विटजरलैंड केपटाउन और अफ्रीका में यह नजारा देखने को मिलता है। लेकिन पहाड़ों की रानी मसूरी हिल स्टेशन में भी यह खूबसूरत नजारा दिखाई देता है।

सूर्यास्त के बाद दिखाई देती है विंटर लाइन
मसूरी में जब शाम के समय सूरज ढलता है, उस समय पश्चिम दिशा में आसमान में एक रंग उभरता हुआ नजर आता है। जो शहर के लालटिब्बा, मालरोड और विन्सेंट हिल से दिखाई देता है। प्रकृति की इस अद्भुत कारीगरी को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

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