चार धाम यात्रा में इस बार क्षमता से कहीं ज्‍यादा उमड़ रहे श्रद्धालु, अब तक 20 की मौत

कोविड महामारी के कारण दो साल बाद पूरी क्षमता के साथ चारधाम यात्रा संचालित हो रही है। इस बार चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। चारधाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है चारधामों में निर्धारित क्षमता से दो से तीन गुणा अधिक यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आलम यह है कि अब तक यात्रा के लिए साढ़े नौ लाख से अधिक यात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। वहीं श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या से चारधाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतेजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। धामों में श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है।

चारधाम यात्रा शुरू होने के कुछ दिन बाद ही स्वस्थ्य व्यवस्थाएं चरमराने लगी है। लिहाजा श्रद्धालुओं की जान जा रही है। 3 मई से अब तक 20 तीर्थ यात्री अपनी जान गवां चुके हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। जिससे चारधाम यात्रा में अब तक कई यात्रियों की मौत हुई है। इनमें यमुनोत्री में आठ, गंगोत्री में दो और केदारनाथ में पांच यात्रियों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल की टीमें तैनात हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के लिए तीर्थ यात्रियों को कठिन रास्ता तय करना पड़ता है। उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों से गुजरने वाले पैदल रास्ते में ठंड के साथ ऑक्सीजन की कमी होती है। ऐसे में पैदल चढ़ाई करने में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, अस्थमा से ग्रसित मरीजों को तबीयत बिगड़ने का खतरा रहता है।

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