मार्च का महीना शुरू होते ही पहाड़ों में अब धूप ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पहाड़ों में गर्मी का एहसास बढ़ने लगा है। जिसके चलते ऊपरी हिमालई क्षेत्रों में तेज़ी से बर्फ पिघलनी शुरू हो रही है। हालांकि पहाड़ों के लिहाज से यह फिलहाल अच्छी खबर है। क्योंकि जनवरी और फरवरी माह में पहाड़ों में जमकर बर्फबारी हुई थी, जिससे कई जगहों पर बर्फ के बड़े बड़े पहाड़ खड़े हो गए थे। तो वहीं तापमान में कुछ राहत मिलने से पहाड़ में जनजीवन सामान्य होता नज़र आ रहा है। जिससे पर्यटक भी पहाड़ों का रूख कर रहे हैं।
उधर औली के साथ ही बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी में भी बर्फ पिघलने लगी है। वहीं भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और नीति पास पर अभी भी भारी बर्फ जमी हुई है, जिसे हटाने के काम में बीआरओ की टीम जुटी हुई है। बर्फ को काटकर रास्ते खोले जाने का काम तेज़ी से चल रहा है। इसके अलावा बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमान चट्टी से लेकर बद्रीनाथ धाम तक 20 से 25 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर सड़क तक आ गए हैं। बद्रीनाथ हाईवे को खोलने के लिए बीआरओ की टीम लगातार मेहनत कर रही है। जेसीबी मशीनों और स्नोकटर मशीन से बर्फ के बीच से सड़क बनाने का काम किया जा रहा है। वहीं मार्ग से बर्फ हटाने के काम पर पिघलती हुई बर्फ बीआरओ के लिए चुनौती बन रही है।