आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए 3 शिकारियों की टीम सर्च अभियान में जुटी

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज के जंगल में इन दिनों आदमखोर बाघ ने आतंक मचा रखा है। यह बाघ पिछले चार महीनों के दौरान छह लोगों को अपना निवाला बना चुका है। जिसके बाद वन प्रशासन हरकत में आया है। आदमखोर बाघ को मार गिराने के आदेश दिए गए हैं। आदेश के बाद मशहूर शिकारियों और शूटरों का दल आदमखोर बाघ के सर्च अभियान में जुटा हुआ है।
हिमाचल के जाने-माने शिकारी आशीष दास गुप्ता मेरठ के अंतरराष्ट्रीय शूटर सैयद अली बिन हादी, शिकारी चौधरी किरनेश जंग बाघ को पकड़ने या मारने की सर्च अभियान का मोर्चा संभाला है, जो जंगल में सर्च अभियान चला रहे हैं। पहले दिन किसी तरह की कोई सफलता नहीं मिली है। लेकिन विभाग को उम्मीद है कि जल्द ही आदमखोर बाघ को पकड़ लिया जाएगा या मार गिराया जाएगा।
उत्तराखंड मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के आदेश के बाद आदमखोर बाघ को मारने का आदेश जारी किए गए हैं। मशहूर शिकारी आशीष दास गुप्ता और सैयद अली बिन हादी का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि आदमखोर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसको पकड़ा जाए लेकिन आवश्यकता पड़ी तो बाघ को मार गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जंगल के तीन हिस्सों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है जहां हाथी और जिप्सी के सहारा लेकर बाकी तलाश किया जा रहा है। टीम के साथ वन्य जीव शिशु की टीम भी शामिल है, जो बाघ को ट्रेंकुलाइज करेगा।
वन क्षेत्राधिकारी ख्यालीराम आर्य का कहना है कि बाघ को पकड़ने और मारने के लिए तीन शिकारियों के दल को आधिकारिक तौर पर नियुक्त किया गया है। साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए 72 कैमरा ट्रैप, आठ पिंजरे और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा डेढ़ सौ से अधिक वन कर्मियों को भी लगाया गया है। वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी शिकारियों से बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने या मार गिराने का आग्रह किया गया। उनका कहना है कि क्षेत्र में बाघ के कारण अत्यधिक भय का माहौल है और वन विभाग की सुस्ती की वजह से अभी तक 6 लोगों की जान चली गई है। जिससे लोगो मे आक्रोश है।

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