हिम तेंदुओं को रास आ रहा उत्तराखंड का पर्यावरण, पांच सालों में बढ़ा कुनबा

नमिता बिष्ट

देहरादून। हिम तेंदुओं को लेकर अच्छी खबर है। उत्तराखंड में इनकी आबादी पिछले पांच साल में बढ़ गई है। हाल ही में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय हिम तेंदुआ अनुश्रवण कार्यक्रम के तहत इनके आंकड़े जारी किए है। आंकड़े के मुताबिक 2016 से 86 के मुकाबले अब इनकी संख्या 121 हो गई है। वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इस पर विभाग के सभी अधिकारियों और संरक्षण में जुटी संस्थाओं को शुभकामनाएं दी हैं।

दो चरणों में हुई गणना

उत्तराखंड में हिम तेंदुओं के लिए उपलब्ध 12764 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल आंका गया। इसकी गणना दो चरणों में हुई। पहले चरण में 15 गुना 15 किलोमीटर के 81 ग्रिड हिम तेंदुओं के संभावित वासस्थल में रखे गए और उनकी उपस्थित के बारे में जानकारी एकत्र की गई।

121 हुई हिम तेंदुओं की संख्या

वहीं दूसरे चरण में गोविंद राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव विहार, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग, नंदा देवी बायोस्फेयर के उच्च स्थलीय क्षेत्र और उत्तराखंड के पास हिमालयी क्षेत्र में जुलाई से नवंबर 2021 में कैमरा ट्रैप लगाए गए थे। इसी प्रकार गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान और उत्तरकाशी वन प्रभाग में भी कैमरा ट्रैप लगाए गए। जबकि डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने मुनस्यारी और पिथौरागढ़ में कैमरा ट्रैप लगाए। इस अध्ययन के बाद यह पाया गया कि उत्तराखंड में हिम तेंदुओं की संख्या 121 हो गई है।

2016 में उत्तराखंड में थे 86 हिम तेंदुए 

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि पूरे विश्व में 12 देशों में हिम तेंदुए पाए जाते हैं। विश्व स्तर पर इनकी अनुमानित संख्या तीन हजार से सात हजार है। साल 2016 में भारत में कुल 516 हिम तेंदुए थे, जिनमें से 86 उत्तराखंड में थे। जिनकी संख्या उत्तराखंड में 86 से बढ़कर 121 हो गई है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

वहीं वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आबादी में यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार संरक्षण की दिशा में बेहतर प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे राज्य में ग्रीष्मकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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