Rajaji Tiger Reserve: हरिद्वार का एक बड़ा क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से घिरा हुआ है जिस कारण हाथी, लैपर्ड ओर अन्य जंगली जानवरों का राजाजी टाइगर नेशनल पार्क से निकल कर रिहायसी इलाको में आने का सिलसिला बना रहता है. देर रात एक हाथी चीला के जंगल से निकल भटक कर गंगा को पार करते हुए भूपतवाला के दूधिया बंध क्षेत्र में घुस आया.
हाथी के अचानक क्षेत्र में आने से हड़कंप मच गया, घाटों पर बैठे लोग और साधु संत वहां से अपनी जान बचाकर भागने लगे. हाथी की आने की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने हाथी को वापस जंगल में खदेड़ने का भी प्रयास किया, मगर उसमें सफलता नही मिली और हाथी वहीं पर झाड़ियों में छुप गया.
जिस पर वन अधिकारियों ने हाथी पर निगाह रखी और देर रात्रि हाथी को भारी मशक्कत के बाद सकुशल जंगल में वापस खदेड़ दिया, हाथी जिस क्षेत्र में आया था वह घनी आबादी क्षेत्र है और मगर गनीमत यह रही कि हाथी के आने और इतनी देर तक क्षेत्र में रहने के बावजूद किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई और न ही हाथी को कोई नुकसान पहुंचा।
Rajaji Tiger Reserve:
डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि देर शाम के समय एक हाथी चीला की तरफ से नदी पार करके गंगा जी पार करके इधर हरिद्वार भूपतवाला क्षेत्र में आ गया था, जिसकी सूचना वन विभाग को मिली और फिर यह हाथी वहीं पर जो झाड़ झंकार है और पेड़ पौधे हैं वहीं पर रहा, खाली प्लाट वगैरह में काफी देर तक और हमारी टीम जैसे ही मौके पर पहुंची, सूचना मिलते ही इसकी देखरेख भी की गई और चूंकि मौके पर उस समय बहुत भीड़भाड़ भी जमा हो गई थी उसका जन सामान्य की सुरक्षा सर्वोपरि की और हाथी की सुरक्षा भी सर्वोपरि थी. इसलिए उसके तहत उसको लगातार वॉच किया गया और इसके बाद जैसे ही रात हुई और माहौल शांत हुआ, तब इसको वन क्षेत्र में वापस करने के प्रयास किए गए और सफलतापूर्वक इसको रात में वन क्षेत्र में सुरक्षित किया गया.