एनआईटी उत्तराखंड के वैज्ञानिक रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के भूस्खलन और भू-धंसाव के ट्रीटमेंट के उपाय ढूंढने में मदद करेंगे। संस्थान ट्रीटमेंट के उपाय सहित इस पर आने वाले खर्चे की रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड नई दिल्ली को सौंपेगा। एनआईटी प्रशासन की मानें तो 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट एनएचआईडीसीएल को सौंप दी जाएगी। इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच एमओयू साइन हो गया है। एनआईटी ने इस सम्बंध में सिविल इंजीनियरिंग और रोड एक्सपर्ट की टीम तैयार कर ली है। ये टीम एक दर्जन से ज्यादा जगहों का स्थलीय निरीक्षण कर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट तैयार लरा लेंगे।
रुद्रप्रयाग से चमोली जिले के बीच होगा सर्वेक्षण
रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में सुमेरपुर, गौचर, चटवापीपल, लंगासू, नंदप्रयाग, बाजपुर, कुहेड़, बनेरपाणी, गरुड़गंगा और गुलाबकोटी समेत अन्य स्थानों में भूस्खलन और भूधंसाव के कारण निर्माण कार्य में दिक्कत हो रही है।