Holi 2024: होली एक ऐसा पर्व जो हर जाति-धर्म के लोगों को मिलाता है, अपनत्व पैदा करता हैं लोग आपस में गले मिलते हैं तो सारे गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं, वही महिलाएं आज भी सैकड़ों साल पुरानी इस परम्परा को आगे बढ़ा रही हैं। गांव हो या शहर इन दिनों महिलाओं की बैठकी होली की धूम मची है।
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में महाशिवरात्री के बाद पुरूषों के साथ ही महिला बैठकी होली की धूम शुरू हो गई है। होली के नजदीक आने के साथ ही शहर व गांव दोनों क्षेत्रों में महिला होली की महफिले जमने लगी है। नगर क्षेत्र ने जगह-जगह बैठकी होली का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान महिलाओं द्वारा होली, नृत्य, गायन, भजन, झोड़े आदि का कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वही, महिलाओं द्वारा स्वांग रच कर समाज की बुराईयों और कुरीतियों के खिलाफ संदेश दिया जाता है।
इसके साथ ही महिलाओं का मनना है कि पहले की तुलना में होली कार्यक्रम में कुछ बदलाव आए है, लेकिन लोगों को होली की इस परंपरा को सहेजने के प्रयास करने चाहिए। महिलाओं ने कहा होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें सभी धर्म, जाति के लोग आपस में सभी गिले शिकवे मिटाकर गले लगते है एक दूसरे को शुभकामनाएं देते है।
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में पौष के पहले रविवार के साथ ही होली आयोजन शुरू हो जाता है। पौष के पहले रविवार से भक्ति संगीत पर आधारित बैठकी होली का आयोजन किया जाता है। जबकि शिवरात्री के बाद श्रृंगार रस आधारित रस भरी होली गायन शुरू हो जाता है। एकादशी के बाद होली अपने पूर शबाब पर होती है।
एकादशी में रंग पड़ने के साथ खड़ी होली आयोजन शुरू हो जाते हैं। होली के रंगों में सराबोर महिला होल्यारों का कहना है कि होली आयोजन को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह है। इस दौरान होली में आलू, गुजिया समेत कई प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाये जाते है।
अल्मोड़ा में होली की सशक्त परम्परा रही है। नगर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाएं होली के आयोजन के बीच सैकड़ों साल पुरानी परम्परा को आगे बढ़ा रही हैं, साल में अधिकांश दिन घरेलू कामकाज में व्यस्त रहने वाली महिलाएं होली त्योहार के अवसर पर एक दूसरे के घर जाकर हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मना रही है। होली के नजदीक आते ही ढोलकों की थाप व होल्यारों के गीतों से शहर व गांव गुंज्जायमान हो उठे है।