उत्तराखंड की प्राकृतिक संस्कृति को दिखाने के लिए बनाया घिण्डुड़ी गढ़वाली गीत

रिपोर्ट – आसिफ हसन

गर्मियों के दिनों में गौरैया चिड़िया घरों में अपने घोसले बनाया करती है। गौरैया चिड़िया गांव के कच्चे घरों में अक्सर दिखाई देती है मगर आज के समय में गौरैया चिड़िया लुप्त होती जा रही है  जिसको लेकर एस एन एन फिल्म ने गौरैया को बचाने और उत्तराखंड की प्राकृतिक संस्कृति को दिखाने के लिए घिण्डुड़ी गढ़वाली गीत लॉन्च किया। गढ़वाली गीत के प्रड्यूसर सोहन उनियाल ने बताया कि यह गीत हमने गौरैया चिड़िया को बचाने के लिए बनाया है आज के समय में गौरैया चिड़िया लुप्त होती जा रही है। पहले के समय में गांव में यहां गौरैया चिड़िया कच्चे घरों में अपना घोंसला बनाया करती थी मगर अब सभी जगह पक्के मकान हो गए हैं जिससे आज गौरैया चिड़िया अब लुप्त होती नजर आ रही है, वही अभिनेता पुरुषोत्तम ने बताया कि इस गढ़वाली गीत की शूटिंग चकराता क्षेत्र में हुई है जिसमे हमारे उत्तराखंड की प्राकृतिक संस्कृति को दिखाया गया है, इस गढ़वाली गीत में उत्तराखंड के कई कलाकारों ने अपनी भूमिका निभाई है। इस गाने को गजेंद्र राणा ने गाया गया है।



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